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हालिया तेजी में स्मॉल और मिडकैप शेयर ज्यादा उछले, लार्जकैप शेयरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन

गिरावट के दौरान भी मिडकैप और छोटे सूचकांकों में नरमी सेंसेक्स-निफ्टी की तुलना में कम थी

Last Updated- December 03, 2024 | 10:58 PM IST
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बाजार में आई हालिया तेजी की अगुआई स्मॉल और मिडकैप शेयर कर रहे हैं। 21 नवंबर के बाद से (जब बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी अपने-अपने हालिया निचले स्तर को छू लिया और गिरावट वाले जोन में चले गए) निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 8 फीसदी उछला है जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 5.7 फीसदी की तेजी आई है। इस बीच, निफ्टी-50 इंडेक्स में 4.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 13 नवंबर के अपने हालिया निचले स्तर से निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स करीब 9 फीसदी चढ़ा है जबकि निफ्टी मिडकैप 100 में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है।

स्मॉल व मिडकैप में तीव्र रिकवरी लार्जकैप शेयरों की मुख्य रूप से विदेशी निवेशकों की बिकवाली के कारण हुई। विशेषज्ञों ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप क्षेत्र के कुछ हिस्से पिछले दो महीने में हुई तेज गिरावट के बाद आकर्षक हो गए हैं।

भारतीय शेयर बाजार में सितंबर के महीने से ही बिकवाली नजर आई है। चीन की सरकार ने अपनी अर्थव्यवस्था और इक्विटी बाजार को बहाल करने के लिए कई कदमों की घोषणा की तो विदेश निवेशकों की बिकवाली बढ़ गई। साथ ही डॉनल्ड ट्रंप की अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में वापसी के आथिक निहितार्थ और भूराजनीतिक चिंता के बीच मजबूत डॉलर और अमेरिकी बॉन्ड के बढ़ते प्रतिफल ने भी इसमें योगदान दिया।

इससे एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों में अपना निवेश घटाने लगे। सितंबर तिमाही के निराशाजनक नतीजों ने बिकवाली में और इजाफा किया।

उल्लेखनीय बात यह है कि बाजार में गिरावट के दौरान भी मिडकैप और छोटे सूचकांकों में नरमी सेंसेक्स और निफ्टी की तुलना में कम गंभीर थी। 26 सितंबर से 21 नवंबर तक बेंचमार्क निफ्टी में 11 फीसदी की गिरावट आई। इस दौरान निफ्टी मिड-कैप इंडेक्स 10.1 फीसदी कमजोर हुआ और निफ्टी स्मॉल कैप इंडेक्स में 8.6 फीसदी की गिरावट आई।

इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी. चोकालिंगम ने कहा कि ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियां अमेरिकी डॉलर को मजबूत करेंगी और आगे चलकर एफपीआई की बिकवाली को और बढ़ावा देंगी। एफपीआई की बिकवाली बड़े पैमाने पर लार्ज कैप में केंद्रित है। स्मॉलकैप में एफपीआई की उपस्थिति नगण्य है। वहीं, बिकवाली के बावजूद खुदरा निवेशकों का बाजार में आना जारी है और वे वे स्मॉल और मिडकैप पर ध्यान केंद्रित करते हैं। चोकालिंगम ने कहा कि स्मॉल और मिडकैप में बेहतर क्षेत्रीय विविधता इस क्षेत्र में निवेशकों की दिलचस्पी का एक और कारण है।

चोकालिंगम ने कहा कि सेंसेक्स और निफ्टी के भीतर कई क्षेत्र एक अंक में लाभ वृद्धि के लिए जूझ रहे हैं। हालांकि, स्मॉल और मिडकैप में कई अद्वितीय कारोबार हैं क्योंकि इस खंड में 4,000 से अधिक कंपनियां हैं। वहां वृद्धि और ज्यादा मूल्य वाले क्षेत्र हैं। कोई लंबी अवधि में लार्ज-कैप को लेकर आशावादी है, लेकिन कम से कम कुछ महीनों तक बिकवाली जारी रहने की संभावना है।

कुछ विशेषज्ञ कम उत्साहित हैं। उन्होंने निवेशकों को चेतावनी दी है कि यह बेहतर प्रदर्शन इसलिए है क्योंकि बाजार गिरावट के चरण में प्रवेश करने के बाद वापस उछल रहे हैं। करेक्शन के दौर का मतलब हाल के उच्चतम स्तर से 10 फीसदी की गिरावट से है।

स्वतंत्र इक्विटी विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने कहा कि बाउंसबैक के दौरान स्मॉल और मिडकैप हमेशा बेहतर प्रदर्शन करते हैं। आर्थिक आंकड़े अभी भी खराब हैं। अगले महीने आने वाली दिसंबर तिमाही की कमाई सितंबर तिमाही की तरह निराशाजनक रहने की संभावना है। इस तेजी का उपयोग अपनी पोजीशन को कम करने में किया जाना चाहिए।

First Published - December 3, 2024 | 10:40 PM IST

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