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निवेशकों को भा रहे चीनी उत्पादक फर्मों के शेयर

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 5:12 AM IST

सोमवार को चीनी कंपनियों के शेयरों में शानदार तेजी दर्ज की गई। बजाज हिंदुस्तान, द्वारिकेश शुगर इंडस्ट्रीज, धामपुर शुगर मिल्स, अवध शुगर ऐंड एनर्जी, उत्तम शुगर मिल्स, और डालमिया भारत शुगर ऐंड इंडस्ट्रीज में 15 से 20 प्रतिशत के बीच तेजी दर्ज की गई।
त्रिवेणी इंजीनियरिंग ऐंड इंडस्ट्रीज, ईआईडी पैरी, श्री रेणुका शुगर्स, और बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयरों में 10 से 12 प्रतिशत के दायरे में तेजी आई। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स 63.84 अंक या 0.13 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 48,718.52 पर बंद हुआ।
कई ब्रोकर भारत के चीनी उद्योग पर सकारात्मक बने हुए हैं, क्योंकि इसे वैश्विक और घरेलू कारकों का लाभ मिलने की संभावना है। ब्राजील, थाइलैंड और यूरोपीय संघ के देशों से कम उत्पादन की वजह से आपूर्ति कम बनी रहेगी और इसे भारत को निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। घरेलू मोर्चे पर, अनुकूल नीतियों, एथेनॉल की बढ़ती मांग और आक्रामक एथेनॉल क्षमता वृद्घि से आय को मजबूती मिलने की संभावना है।
घरेलू चीनी कीमतें पिछले महीने में 7-8 प्रतिशत बढ़ीं। मुख्य रूप से गर्मी के मौसम में मांग बढऩे और पेराई सीजन समाप्त होने की वजह से चीनी कीमतों में इजाफा हुआ है। आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि ज्यादा निर्यात और एथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने  के बढ़ते इस्तेमाल की वजह से घरेलू चीनी कीमतें 34 रुपये प्रति किलोग्राम से ऊपर बनी रहेंगी।
वैश्विक चीनी कीमतों में भी तेजी (दो महीने में करीब 15 प्रतिशत) आई है। मौजूदा कच्ची और व्हाइट श्रेणी की चीनी कीमतें भारतीय मिलों के लिए उत्पादन लागत से ऊपर हैं। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, ‘हमारा मानना है कि वैश्विक कच्ची चीनी कीमतें अगले 6 महीने में आसानी से 20 सेंट प्रति पौंड को पार कर सकती हैं, क्योंकि ब्राजील द्वारा 2021-22 के सीजन में उत्पादन में 20 प्रतिशत की कमी किए जाने की संभावना है। इससे अगले सीजन में भी निर्यात की निरंतरता सुनिश्चित होगी। हमें विश्वास है कि चीनी का स्टॉक स्तर सितंबर 2022 तक घटकर करीब 70 लाख टन पर रह जाएगा।’
ब्राजील में फसल सत्र शुरू हुआ है और कम बुआई तथा प्रतिकूल मॉनसून हालात की वजह से शुरुआती रुझान कम फसल पैदावार के दिख रहे हैं। गन्ने की पैदावार इस सीजन में कमजोर रहने का अनुमान है और इसकी गुणवत्ता भी अच्छी नहीं रह सकती है।
इलारा कैपिटल ने चीनी क्षेत्र पर अपने अपडेट में कहा है, ‘हमें ब्राजील की चीनी मिलों द्वारा इस साल चीनी उत्पादन कम किए जाने का अनुमान है। कुछ अन्य प्रमुख गन्ना उत्पादन देशों थाईलैंड और यूरोपीय संघ द्वारा बहुत ज्यादा उत्पादन की संभावना नहीं है। हमारा मानना है कि वैश्विक मांग-आपूर्ति परिदृश्य चुनौतीपूर्ण बना रहेगा। वैश्विक जिंस कारोबारियों को ब्राजील में चीनी उत्पादन कम से कम 10 प्रतिशत घटकर 3.4-3.5 करोड़ टन रह जाने का अनुमान है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय चीनी कीमतों में मजबूती आनी शुरू हुई है और वे 16.5 सेंट प्रति पौंड के पार पहुंच गई हैं। यह भारत के चीनी उद्योग के लिए अच्छा संकेत है। भारत में 1.05 करोड़ टन अतिरिक्त चीनी मौजूद है।’

First Published : May 3, 2021 | 11:45 PM IST