India VIX रिकॉर्ड निचले स्तर पर, निफ्टी 25,000 के करीब; निवेशकों का भरोसा मजबूत

इंडिया विक्स 10.12 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ, एफपीआई बिकवाली के बावजूद घरेलू निवेशकों की खरीद से बाजार स्थिर है और निफ्टी 25,000 की ओर बढ़ रहा है

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साई अरविंद   
Last Updated- September 15, 2025 | 9:55 PM IST

भारत के शेयर बाजार में संभावित शांति के संकेत के रूप में देश का इक्विटी वॉलैटिलिटी इंडेक्स इंडिया (विक्स) रिकॉर्ड निचले स्तर के पास कारोबार कर रहा है। शुक्रवार को सूचकांक अपने अब तक के सबसे निचले स्तर 10.12 पर बंद हुआ था। लेकिन सोमवार को इंट्राडे में यह बढ़कर 10.68 के स्तर पर पहुंच गया था। विश्लेषकों का मानना है कि बाज़ारों के लिए किसी भी तात्कालिक संकेतक की अनुपस्थिति ही निचले स्तर की वजह है।

अस्थिरता यानी वॉलैटिलिटी का पैमाना निफ्टी 50 सूचकांक के ऑप्शन सौदों के आधार पर भविष्य में अस्थिरता की बाजार की आशंका को मापता है। यह आमतौर पर तब बढ़ता है जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की आशंका होती है, जो निकट भविष्य में अधिक अनिश्चितता या जोखिम का संकेत देता है।

इंट्राडे आधार पर विक्स रिकॉर्ड क्लोजिंग स्तर से नीचे गिर गया है। 25 मई 2023 को यह सूचकांक 8.18 के निम्नतम स्तर पर चला गया था।

आईएनवीऐसेट पीएमएस के बिजनेस हेड हर्षल दासानी ने कहा, विक्स में गिरावट से संकेत मिलता है कि निवेशक भारत को सहारा देने वाले आर्थिक हालात मसलन जुलाई पीएमआई के आंकड़ों, घटती मुद्रास्फीति और मजबूत घरेलू निवेश को ध्यान में रख रहे हैं।

उन्होंने कहा, निवेशकों को कम अस्थिरता को आत्मसंतुष्टि के रूप में नहीं देखना चाहिए बल्कि इसे बाजार में संरचनात्मक गहराई के संकेत के रूप में देखना चाहिए।

मोतीलाल ओसवाल वेल्थ मैनेजमेंट के तकनीकी और डेरिवेटिव अनुसंधान प्रमुख चंदन तापड़िया का मानना है कि बाजार सभी नकारात्मक कारकों को ध्यान में रख रहा है और इससे संकेत मिलता है कि बाजार में और गिरावट की संभावना नहीं है।

उन्होंने कहा, आदर्श रूप से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली से घरेलू शेयरों में अस्थिरता आनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है क्योंकि एफपीआई की बिकवाली को घरेलू संस्थानों झेल ले रहे हैं। घरेलू निवेशक खरीदारी जारी रखे हुए हैं जिसे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सुधार और उम्मीद से बेहतर जीडीपी आंकड़ों से सहारा मिला है। एनएसई के आंकड़ों के अनुसार एफपीआई ने इस साल अब तक 2.2 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयर बेचे हैं जबकि देसी संस्थागत निवेशकों ने इस दौरान 5.4 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे हैं।

इस वर्ष अब तक इंडिया विक्स में करीब 28 फीसदी की गिरावट आई है और यह इस कैलेंडर वर्ष के उच्चतम स्तर 23.18 से करीब 55 फीसदी नीचे है।

इस वर्ष अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के व्यापार शुल्क, मई में पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनाव तथा जून में ईरान-इजरायल युद्ध के कारण इस सूचकांक में भारी बढ़ोतरी देखी गई थी।

खरीदें, बेचें या बनाए रखें निवेश?

इस बीच शेयर बाजारों में बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स 2025 में अब तक 6 फीसदी चढ़ा है और एक बार फिर 25,000 के स्तर को परखने की कोशिश कर रहा है। इंडेक्स अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से करीब 2 फीसदी दूर है। दासानी ने कहा, कम वीआईएक्स का मतलब यह नहीं है कि बाजार में उत्साह कम हो गया है बल्कि यह दर्शाता है कि आय को लेकर स्पष्टता और नकदी समर्थन निवेशकों के भरोसे को मजबूत कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जोखिम-प्रतिफल अनुपात बढ़ा हुआ होने के बजाय संतुलित बना हुआ है जिससे मध्यम अवधि का नजरिया सकारात्मक बना हुआ है।

दासानी की सलाह है कि अस्थिरता बढ़ने से डरने के बजाय अनुशासित निवेशकों को मौजूदा माहौल को मध्यम अवधि में गुणवत्तापूर्ण परिसंपत्तियां एकत्रित करने के अवसर के रूप में लेना चाहिए।

विश्लेषकों ने कहा कि भविष्य के संभावित संकेतकों में 22 सितंबर से जीएसटी 2.0 का क्रियान्वयन, अमेरिकी फेडरल रिजर्व नीति निर्णय (बुधवार) और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतिगत बैठक शामिल हैं।

दासानी ने कहा कि दूसरा आय सत्र अहम होगा, विशेष रूप से बैंकिंग और उपभोग क्षेत्रों के लिए। उन्होंने कहा कि जून तिमाही के कमजोर प्रदर्शन के बाद उम्मीदें नरम हैं।

First Published : September 15, 2025 | 9:55 PM IST