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PM मोदी ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सशस्त्र बलों की सराहना की, चुनौतियों से निपटने को इनोवेशन पर जोर

ऑपरेशन सिंदूर मई में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी।

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भाषा   
Last Updated- September 15, 2025 | 10:43 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया कि वह भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए अधिक आत्मनिर्भरता और नवाचार सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। विजय दुर्ग (पूर्व में फोर्ट विलियम) स्थित सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले दो वर्षों में लागू किए गए सुधारों और अगले दो वर्षों की योजना की समीक्षा की। मोदी ने ‘भारतीय सशस्त्र बल विजन 2047’ दस्तावेज का भी अनावरण किया।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद निर्मित ‘न्यू नॉर्मल’ के संदर्भ में बलों की परिचालन संबंधी तत्परता और उभरती हुई तकनीक और रणनीति के बीच भविष्य के युद्ध से अवगत कराया गया। इसमें कहा गया है, ‘प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की।’

ऑपरेशन सिंदूर मई में पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। रक्षा अधिकारी ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को नियंत्रण रेखा के पार और पाकिस्तान के अंदर तक आतंकवादी बुनियादी ढांचे को ध्वस्त करने के लिए एक दंडात्मक और लक्षित अभियान के रूप में परिकल्पित किया गया था, जिसमें सटीकता, व्यावसायिकता और उद्देश्यपूर्णता को दर्शाती तीनों सेनाओं की सुनियोजित प्रतिक्रिया प्रदर्शित की गई थी।

सम्मेलन में मोदी ने राष्ट्र निर्माण, समुद्री डकैती रोधी अभियान, संघर्ष के क्षेत्रों से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी, मित्र देशों को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) प्रदान करने में सशस्त्र बलों द्वारा निभाई गई भूमिका की प्रशंसा की। बयान में कहा गया है, ‘वर्ष 2025 को रक्षा क्षेत्र में ‘सुधारों का वर्ष’ बनाने के मद्देनजर, प्रधानमंत्री ने रक्षा मंत्रालय को भविष्य की चुनौतियों का सामना करने और किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए अधिक एकजुटता, आत्मनिर्भरता हासिल करने के साथ नवाचार सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदमों को तेजी से लागू करने का निर्देश दिया।’

सम्मेलन में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों प्रमुखों ने भी भाग लिया।

रक्षा मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘रणनीतिक मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर विचार-विमर्श किया जा रहा है, जिसमें सेना का आधुनिकीकरण, संयुक्तता, एकीकरण और बहु-क्षेत्रीय युद्ध के लिए परिचालन तत्परता को बढ़ाना शामिल है।’

यह द्विवार्षिक सम्मेलन सशस्त्र बलों का शीर्ष विचार-मंथन मंच है, जो देश के शीर्ष नागरिक और सैन्य नेतृत्व को वैचारिक और रणनीतिक स्तर पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए एक साथ लाता है। साथ ही इसमें विभिन्न रैंक के अधिकारियों के साथ संवाद सत्र भी होते हैं। इस वर्ष 16वां सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है जिसमें सुधारों, परिवर्तन, बदलाव और अभियानगत तैयारियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसका विषय है ‘सुधारों का वर्ष – भविष्य के लिए परिवर्तन’।

First Published : September 15, 2025 | 10:43 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)