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26 अक्टूबर से खुलेगा इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का टर्मिनल 2, नए फीचर्स से यात्रियों को मिलेगी सहुलियत

टर्मिनल 2 का निर्माण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा चार दशक पहले किया गया था। लेकिन अब इसे अपग्रेड कर भविश्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।

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दीपक पटेल   
Last Updated- September 15, 2025 | 11:08 PM IST

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का टर्मिनल 2 दोबारा परिचालन के लिए 26 अक्टूबर को खोल दिया जाएगा। इसे पुनर्निर्माण कार्य के लिए इसी साल अप्रैल में बंद किया गया था। इसी के साथ विमानन शीतकालीन सीजन भी शुरू हो रहा है। हवाई अड्डे का संचालन करने वाले दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल) ने कहा कि भविष्य में बढ़ते यात्रियों को संभालने और आधुनिक सुविधाएं जोड़ने के लिए तैयार टर्मिनल 2 को अपग्रेड किया गया है।

डायल ने सोमवार को कहा कि एयर इंडिया और इंडिगो की लगभग 120 दैनिक घरेलू उड़ानें 25-26 अक्टूबर की मध्यरात्रि से नए सिरे से तैयार टर्मिनल पर स्थानांतरित हो जाएंगी। मालूम हो कि विमानन क्षेत्र का शीतकालीन कार्यक्रम अक्टूबर के अंतिम रविवार से शुरू होकर मार्च के अंतिम शनिवार तक चलता है, जबकि ग्रीष्मकालीन सीजन मार्च के अंतिम रविवार से अक्टूबर के अंतिम शनिवार तक रहता है।

इससे पहले टर्मिनल 1 का सौंदर्यीकरण और पुनर्निर्माण किया गया। इसका काम पूरा होने और यहां उड़ानों का संचालन पूरी तरह सुचारु होने के बाद टर्मिनल 2 पर पुनर्निर्माण कार्य शुरू किया गया। टर्मिनल 2 का निर्माण भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा चार दशक पहले किया गया था। लेकिन अब इसे अपग्रेड कर भविश्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।

डायल के सीईओ विदेह कुमार जयपुरिया ने कहा, ‘टर्मिनल 2 केवल सुविधाओं का ही विस्तार नहीं किया गया, यहां आने वाले समय में यात्रियों की यात्रा को आसान बनाने के लिए जो कुछ किया जाना जरूरी था, वह सब किया गया।’

उन्होंने कहा, ‘सेल्फ बैगेज ड्रॉप और स्वायत्त डॉकिंग एयरोब्रिज जैसी तकनीक के साथ हम यात्रा का सुखद अनुभव देना चाहते हैं। साथ ही इसे इस तरह​ डिजाइन किया गया है कि यात्रियों को किसी तरह की असुविधा न हो और ज्यादातर काम ऑटोमैटिक तरीके से हों।’

क्या-क्या जुड़ीं नई सुविधाएं

यहां नई सुविधाओं में सेल्फ-सर्विस बैगेज ड्रॉप है, जो यात्रियों को अपने बोर्डिंग पास को स्कैन करने, सामान को टैग करने और सीधे बेल्ट पर रखने की अनुमति देता है। इससे चेक-इन काउंटरों पर प्रतीक्षा समय कम हो जाता है और भीड़ से नहीं जूझना पड़ता। देश में पहली बार टर्मिनल 2 पर स्वायत्त डॉकिंग से लैस छह यात्री बोर्डिंग पुल भी पेश किए गए हैं। डायल के अनुसार, ये विमान को तेजी से और सुरक्षित तरीके से मोड़ने में मदद करेंगे और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिहाज से भी ये बेहतर हैं।

बोर्डिंग पुलों पर स्वायत्त डॉकिंग प्रणाली के जरिए विमान के खड़ा होने के बाद पुल को विमान के दरवाजे के साथ स्वचालित रूप से लगाने के लिए सेंसर और लेजर तकनीक का उपयोग किया जाता है। परंपरागत रूप से ऑपरेटर मैन्युअल रूप से पुल को चलाते और सही जगह पर लगाते हैं, जिसमें अधिक समय लगता है और इसमें विमान के साथ सही तरीके से नहीं लग पाने का भी जोखिम होता है।

स्वचालित प्रणाली में डॉकिंग प्रक्रिया तेज, सुरक्षित और अधिक सुसंगत हो जाती है। इससे एयरलाइनों के लिए टर्नअराउंड समय कम हो जाता है और यात्रियों के लिए बोर्डिंग प्रक्रिया सुचारू और सुर​क्षित तरीके से पूरी होती है। इसके अलावा टर्मिनल 2 पर नई और आधुनिक एयर-कंडीशनिंग और आग-सुरक्षा प्रणालियां जोड़ी गई हैं।

साथ ही नया उच्च-रिजॉल्यूशन उड़ान सूचना प्रदर्शन, बेहतर पहुंच के लिए साइनेज और सड़क संपर्क बेहतर किया गया है। यही नहीं, एप्रन क्षेत्र को भी नए सिरे से तैयार किया किया गया है। दिल्ली का आईजीआई एयरपोर्ट देश का सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है। इसमें तीन टर्मिनल हैं। इसकी कुल वार्षिक यात्री क्षमता लगभग 10.9 करोड़ यात्री है।

First Published : September 15, 2025 | 11:05 PM IST