प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
कभी दलाल पथ के पसंदीदा रहे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) के शेयरों ने इस साल अब तक निवेशकों को बहुत ज्यादा रिटर्न नहीं दिया है। रक्षा शेयरों में हाल में आई तेजी को छोड़ दें तो इस अवधि में कुछ ही पीएसयू शेयरों ने बेंचमार्क निफ्टी 50 इंडेक्स से बेहतर प्रदर्शन किया है। एसीई इक्विटी के आंकड़ों से पता चला है कि कैलेंडर वर्ष 2025 में अब तक (14 मई तक) निफ्टी सीपीएसई सूचकांक 4.14 फीसदी चढ़ा है जो निफ्टी-50 सूचकांक की 4.3 फीसदी की तेजी के अनुरूप ही है। इसकी तुलना करें तो निफ्टी सीपीएसई सूचकांक कैलेंडर वर्ष 2024 में 25.25 फीसदी और कैलेंडर वर्ष 2023 में 73.7 फीसदी चढ़ा जबकि बेंचमार्क में इन वर्षों में क्रमशः 8.8 फीसदी और 20.2 फीसदी तेजी आई।
विश्लेषकों का मानना है कि मौजूदा रुझान आने वाले महीनों में बहुत ज्यादा बदलने के आसार नही हैं और निवेशकों को बेहतर मूल्यांकन के साथ साथ अच्छी आय वृद्धि और नीतिगत समर्थन वाले पीएसयू शेयरों को चुनना चाहिए। वेल्थमिल्स सिक्योरिटीज में इक्विटी निदेशक क्रांति बाथिनी ने कहा, ‘पीएसयू शेयरों का दायरा काफी व्यापक और विविध है। निवेशकों को इस सेगमेंट के विशिष्ट सेक्टरों और शेयरों पर दांव लगाना चाहिए क्योंकि उनमें से कई शेयर वर्षों के बेहतर प्रदर्शन के बाद मजबूत बने रह सकते हैं।’
कुछ खास शेयरों की बात करें तो रक्षा क्षेत्र में भारत डायनेमिक्स, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, गार्डन रीच शिपबिल्डर्स, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, मिश्र धातु निगम, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स और कोचीन शिपयार्ड इस वर्ष 10.4 से 59.3 प्रतिशत के बीच चढ़े हैं। रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक उपक्रमों के शेयरों में तेजी भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष के कारण आई। भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे में सुधार और स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने पर सरकार के मजबूत फोकस से जहाज निर्माण से जुड़े शेयरों को पसंद किया गया। इस दायरे से अलग शेयरों में सिर्फ एनबीसीसी (इंडिया), स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, एनएमडीसी और एमओआईएल ने इस दौरान 15 प्रतिशत तक की तेजी के साथ बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन किया है। सीपीएसई बास्केट के बाहर के शेयरों में यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और केनरा बैंक जैसे सरकारी बैंकों ने 5.5 प्रतिशत से 12 प्रतिशत के दायरे में बढ़त हासिल करके निफ्टी 50 सूचकांक को पीछे छोड़ दिया।
निवेश के नजरिए से विश्लेषकों का कहना है कि पीएसयू क्षेत्र में दिलचस्पी रखने वाले निवेशक मजबूत नीतिगत समर्थन, बुनियादी ढांचे की रफ्तार और आधारभूत तत्वों में सुधार से जुड़े विभिन्न सेक्टरों में अवसर खंगाल सकते हैं।
राइट हॉराइजंस पीएमएस के संस्थापक और फंड प्रबंधक अनिल रीगो का कहना है, ‘हालांकि हमारा पीएसयू सेक्टर पर तटस्थ नजरिया है। लेकिन पीएसयू शेयरों में निवेश के इच्छुक लोग सरकारी नीतिगत प्रोत्साहन के बीच अक्षय ऊर्जा और/या ट्रांसमिशन इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर ध्यान दे सकते हैं। रक्षा क्षेत्र की कंपनियां भी फोकस में रह सकती हैं क्योंकि वित्त वर्ष 2030 तक निर्यात बढ़कर 50,000 करोड़ रुपये पर पहुंचने की संभावना है।’