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Swiggy Vs Zomato: रिजल्ट्स के बाद किस फूड डिलीवरी स्टॉक में बनेगा मुनाफा? निवेशकों के लिए क्या है ब्रोकरेज की राय

मार्केट कैप की बात करें तो स्विगी का वर्तमान में एमकैप (Mcap) 89,464 करोड़ रुपये है। जबकि जोमैटो (Zomato) का मार्किट कैप 2,23,453 करोड़ रुपये है।

Last Updated- February 06, 2025 | 2:13 PM IST
Swiggy Vs Zomato

Swiggy vs Zomato: ऑनलाइन फुड डिलीवर करने वाली कंपनी स्विग्गी ने भी अपने दिसंबर तिमाही के नतीजों का ऐलान कर दिया है। दिसंबर तिमाही (Q3) में कंपनी का नेट लॉस बढ़कर ₹799 करोड़ हो गया। पिछले साल इसी अवधि में यह ₹574.4 करोड़ था। जुलाई-सितंबर तिमाही में Swiggy को ₹574.4 करोड़ का घाटा हुआ था।

वहीं, जोमैटो का अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 57 फीसदी की गिरावट के साथ 59 करोड़ रुपये था। सितम्बर तिमाही की तुलना में कंपनी का मुनाफा 66.5% घटा था।

इस बीच, फुड डिलीवरी और क्विक कॉमर्स एग्रीगेटर्स ज़ोमैटो और स्विगी के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है। दोनों कंपनियां इन क्षेत्रों में अपना दबदबा बढ़ाने का प्रयास कर रही हैं। अगर हम स्विगी की तुलना ज़ोमैटो से करते हैं, तो दो बातें सामने आती हैं। पहला यह कि इसका क्विक कॉमर्स कारोबार जोमैटो से पिछड़ गया है। वहीं, स्विग्गी के फुड डिलीवरी बिजनेस ने जोमैटो से बेहतर प्रदर्शन किया है।

Swiggy vs Zomato: स्टॉक्स का प्रदर्शन, मार्केट कैप

स्विगी के शेयरों को हाल फिलहाल में झटकों का सामना करना पड़ा है। जोमैटो के Q3 नतीजों के बाद से स्विग्गी के शेयर 13% और अपने ऑल टाइम हाई 32% गिर चुके हैं। मार्केट कैप की बात करें तो स्विगी का वर्तमान में एमकैप (Mcap) 89,464 करोड़ रुपये है। जबकि जोमैटो (Zomato) का मार्किट कैप 2,23,453 करोड़ रुपये है।

Swiggy: ब्रोकरेज फर्मों की क्या राय ?

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म स्विगी के शेयरों में गुरुवार को बड़ी गिरावट आई। फूड डिलीवर करने वाली कंपनी के शेयर बीएसई पर इंट्राडे ट्रेड में 7.4 फीसदी तक गिरकर 52 वीक लो 387 रुपये प्रति शेयर पर आ गया। कंपनी के तीसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद ज्यादातर ब्रोकरेज कंपनियों ने स्टॉक पर टारगेट प्राइस घटा दिया। इसके चलते स्टॉक बिकवाली के दबाव में आ गया।

स्विग्गी के शेयर दोपहर 1 बजे बीएसई पर 23.65 रुपये या 5.66% गिरकर 394 रुपये प्रति शेयर के भाव पर कारोबार कर रहे थे। इसकी तुलना में बीएसई सेंसेक्स 0.48% गिरकर 77,896 पर था। इसी के साथ कंपनी का मार्केट कैप घटकर 89,328 करोड़ रुपये रह गया। स्टॉक का 52 वीक हाई लेवल 617 रुपये प्रति शेयर है।

ब्रोकरेज फर्मों ने तीसरी तिमाही के बाद स्विगी (Swiggy) पर अपने रुख को बरकरार रखा है। हालांकि, ज्यादतर ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को घटा दिया है।

Motilal Oswal: टारगेट प्राइस 460 रुपये| रेटिंग Neutral

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल ने स्विग्गी पर ‘Neutral’ रेटिंग बरकरार रखी है। हालांकि, ब्रोकरेज ने स्टॉक पर अपने टारगेट प्राइस को घटाकर 460 रुपये प्रति शेयर कर दिया। पहले यह 520 रुपये था।

ब्रोकरेज का मानना ​​है कि फुड डिलीवरी सेक्टर में स्थिर द्वयधिकार (duopoly) बना हुआ है। हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा और एग्रेसिव डार्क स्टोर विस्तार ने शार्ट टर्म अवधि में क्विक कॉमर्स सेक्टर के लिए प्रॉफेटिबिलिटी की उम्मीदों को रिबेसड कर दिया है।

CLSA: टारगेट प्राइस 726 रुपये| रेटिंग Accumulate|

ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए ने स्विग्गी पर ‘एक्युमुलेट’ रेटिंग बरकरार रखी। लेकिन स्टॉक पर टारगेट प्राइस को 750 रुपये की तुलना में घटाकर 726 रुपये प्रति शेयर कर दिया है।

ब्रोकरेज के अनुसार, स्विगी के क्विक कॉमर्स कारोबार ने मजबूत प्रदर्शन किया जबकि फुड डिलीवरी कारोबार को झटकों का सामना करना पड़ा। कंपनी के ग्रोथ का नेतृत्व स्विगी के 10 मिनट फुड डिलीवरी सर्विस ने किया।

Macquire: टारगेट प्राइस 325| रेटिंग Underperform|

मैकक्वायर ने 325 रुपये प्रति शेयर के टारगेट प्राइस के साथ स्विग्गी पर अपनी रेटिंग को ‘अंडरपरफॉर्म’ पर ही बरकरार रखा। ब्रोकरेज ने कहा कि नेटवर्क विस्तार और प्रतिस्पर्धी बढ़ने का कंपनी के मार्जिन पर असर पड़ा। इसके अलावा, ब्रोकरेज ने कहा कि अत्यधिक प्रतिस्पर्धा कुछ और तिमाहियों तक बनी रहेगी। साथ ही फुड डिलीवरी बिजनेस समय के साथ मार्जिन बढ़ा सकता है। हालांकि, ब्रोकरेज ने स्विगी के मुकाबले जोमैटो को प्राथमिकता दी है।

कैसे रहे स्विग्गी के Q3 नतीजे?

फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म Swiggy ने बुधवार को बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) की तीसरी तिमाही (Q3) में उसका कंसोलिडेटेड नेट लॉस बढ़कर ₹799 करोड़ हो गया। पिछले साल इसी अवधि में कंपनी को ₹574.4 करोड़ का घाटा हुआ था। वहीं, जुलाई-सितंबर तिमाही में भी Swiggy को ₹574.4 करोड़ का घाटा हुआ था।

हालांकि, घाटा बढ़ने के बावजूद कंपनी के ऑपरेशंस से होने वाली कंसोलिडेटेड रेवेन्यू में 31% की सालाना बढ़ोतरी हुई। Q3FY24 में ₹3,049 करोड़ के मुकाबले Q3FY25 में यह बढ़कर ₹3,993 करोड़ हो गया, जो कंपनी के बिजनेस में मजबूती को दर्शाता है।

Zomato : ब्रोकरेज फर्मों की क्या राय ?

नोमूरा का कहना है कि जोमैटो की फुड डिलीवर सेगमेंट की वृद्धि तीसरी तिमाही में कम थी। यह पहली बार नहीं है जब वृद्धि ने निराश किया हो। वित्त वर्ष 23 की तीसरी तिमाही में आर्थिक मंदी के कारण जीओवी की वृद्धि तिमाही आधार पर 0.7 फीसदी तक धीमी हो गई थी। हमें उम्मीद है कि फूड डिलिवरी सेगमेंट 17 से 20 फीसदी वृद्धि दर्ज करेगा। ब्रोकरेज ने अब जोमैटो पर अपना टारगेट प्राइस 320 रुपये से घटाकर 290 रुपये कर दिया है।

ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) ने जोमैटो पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर बरकरार रखते हुए 270 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है।

ब्रोकरेज फर्म नुवामा (Nuvama) ने भी जोमैटो पर अपनी रेटिंग को ‘BUY’ पर बरकरार रखा है। हालांकि, ब्रोकरेज ने शेयर पर अपने लॉन्ग टर्म टारगेट को घटाकर 300 रुपये कर दिया है। पहले यह 325 रुपये था।

ब्रोकरेज जेएम फाइनेंशियल (JM Financial) ने लॉन्ग टर्म में गेन की उम्मीद जताते हुए जोमैटो को खरीदने की सलाह दी है। इसके लिए ब्रोकरेज ने 280 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है।

ब्रोकरेज फर्म आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज (ICICI Securities) ने 310 रुपये के लॉन्ग टर्म टारगेट प्राइस के साथ जोमैटो पर ‘BUY’ रेटिंग दी है। ब्रोकरेज का कहना है कि स्टोर्स की संख्या बढ़ाने की वजह से कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी पर असर पड़ा है। हालांक, जोमैटो को लेकर हमारा लॉन्ग टर्म आउटलुक मजबूत बना हुआ है और हम 310 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ शेयर को खरीदने की सलाह देते है।

 

(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेजीस ने दी है। बाजार में निवेश जो​खिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)

First Published - February 6, 2025 | 2:13 PM IST

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