बेंचमार्क निफ्टी ने आज करीब 1 फीसदी की बढ़त के साथ वित्त वर्ष 2023-24 का समापन किया। पूरे वित्त वर्ष के लिए दौरान देसी शेयर बाजार ने कई कीर्तिमान कायम किए। 50 शेयरों वाले ब्ल्यूचिप सूचकांक यानी निफ्टी50 ने करीब 29 फीसदी बढ़त के साथ वित्त वर्ष का समापन किया जो कोविड से प्रभावित वित्त वर्ष 2021 के बाद सबसे अच्छा प्रदर्शन है। हालिया बिकवाली के बावजूद निफ्टी स्मॉलकैप ने 70 फीसदी और निफ्टी मिडकैप ने 60 फीसदी बढ़त के साथ वित्त वर्ष का समापन किया। इस दौरान सेंसेक्स में 25 फीसदी की तेजी आई। वित्त वर्ष 2024 के अंतिम कारोबारी दिन में सेंसेक्स 655 अंक चढ़कर 73,651.35 पर बंद हुआ और निफ्टी 203.25 अंक चढ़कर 22,326.90 पर बंद हुआ।
मार्च 2020 में बाजार में तेज गिरावट के बाद वित्त वर्ष 2021 में आई तेजी को छोड़ दें तो चालू वित्त वर्ष में शेयर बाजार ने एक दशक से भी अधिक समय में सबसे अच्छा रिटर्न दिया है।
वित्त वर्ष 2024 में मिडकैप और स्मॉलकैप सेगमेंट का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा और रिटर्न के मामले में इसने बेंचमार्क सूचकांकों को काफी पीछे छोड़ दिया। निफ्टी मिडकैप ने निफ्टी 50 की तुलना में 31.5 फीसदी ज्यादा रिटर्न दिया है जबकि स्मॉलकैप का प्रदर्शन निफ्टी की तुलना में 41.2 फीसदी ज्यादा अच्छा रहा है।
चालू वित्त वर्ष में तीनों सूचकांकों ने कई मौकों पर रिकॉर्ड ऊंचाइयों को छुआ और भारत का बाजार पूंजीकरण 5 लाख करोड़ डॉलर के करीब पहुंच गया। देसी शेयरों में चौतरफा तेजी से बाजार पूंजीकरण इस साल 50 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 387 लाख करोड़ रुपये (4.7 लाख करोड़ डॉलर) पहुंच गया। इसके साथ ही भारत हॉन्ग कॉन्ग को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बन गया।
चालू वित्त वर्ष के दौरान ब्याज दरों में बढ़ोतरी, अमेरिका में बैंकिंग संकट, बॉन्ड यील्ड में तेजी और भू-राजनीतिक तनाव के बावजूद बाजार ने लचीला रुख दिखाते हुए मजबूत प्रदर्शन किया। बेहतरीन आर्थिक वृद्धि और तेल की कीमतों में नरमी से भी बाजार को फायदा मिला। पिछले वित्त वर्ष में 29 फीसदी गिरावट के बाद चालू वित्त वर्ष में तेल के दाम 7.7 फीसदी बढ़कर 85 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुए।
देसी बाजार को म्युचुअल फंडों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के लगातार निवेश से भी दम मिला। वित्त वर्ष 2024 में म्युचुअल फंडों ने 1.9 लाख करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे और एफआईआई ने 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की शुद्ध लिवाली की।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का मौद्रिक नीति पर नरम रुख और हाल में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की शानदार जीत से आम चुनावों के बाद केंद्र में भी नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में वापसी की उम्मीद बढ़ गई है जिससे बाजार में आगे भी तेजी बनी रह सकती है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘माना जा रहा है कि दर वृद्धि का चक्र अब खत्म होने वाला है और नए निवेशकों के आने, रिकॉर्ड संख्या में डीमैट खाते खुलने और नए सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) से भी बाजार में तेजी को बढ़ावा मिलेगा। बाजार में तेजी फंडामेंटल में सुधार या शेयरों की मांग बढ़ने से आती है। इस साल ज्यादातर तेजी शेयरों की मांग बढ़ने के कारण आई है।’
वित्त वर्ष 2024 में निफ्टी ने नैस्डैक कंपोजिट को छोड़कर सभी वैश्विक सूचकांकों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है।
बाजार के भागीदारों का मानना है कि अगले वित्त वर्ष में चुनौतियों के बावजूद बाजार अच्छा प्रदर्शन कर सकता है। विश्लेषकों ने कहा कि चुनाव और मूल्यांकन की चिंता के बावजूद वृहद आर्थिक स्थायित्व, मजबूत बैंकिंग क्षेत्र और कंपनियों के खातों पर कम दबाव से बाजार को लाभ मिलेगा।
जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज में रिसर्च के प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘घरेलू अर्थव्यवस्था की वृद्धि अनुमान को बढ़ाए जाने से संकेत मिलता है कि वित्त वर्ष 2025 में भी शेयर बाजार का परिदृश्य उत्साहजनक होगा। हालांकि मिड और स्मॉलकैप के ज्यादा मूल्यांकन निकट और मध्यम अवधि में बाजार के लिए चिंता हो सकती है, इसलिए निवेशकों को लॉर्जकैप पर ज्यादा जोर दिया जाना चाहिए।’
इस साल रियल्टी और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और इनमें सूचकांकों में सबसे ज्यादा तेजी आई। निफ्टी रियल्टी सूचकांक 132.5 फीसदी और पीएसयू सूचकांक 104 फीसदी बढ़ा है। कंपनी की बात करें तो टाटा मोटर्स और बजाज ऑटो का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा और दोनों शेयरों में करीब 2.4 गुना तेजी आई है। निफ्टी में यूपीएल, हिंदुस्तान यूनिलीवर और एचडीएफसी बैंक के शेयर इस साल नुकसान में बंद हुए।