बेंचमार्क सूचकांक लगातार आठ कारोबारी सत्रों की गिरावट से उबरकर आज करीब एक फीसदी चढ़ गए। हाल के समय में लुढ़कने वाले चुनिंदा शेयरों की लिवाली और अदाणी समूह के शेयरों में तेजी से निवेशकों का मनोबल बढ़ा है जिसका असर बाजार में भी दिखा। बेंचमार्क सेंसेक्स 449 अंक चढ़कर 59,411 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 147 अंक के लाभ के साथ 17,451 पर बंद हुआ।
पिछले 8 कारोबारी सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी करीब 4-4 फीसदी तक टूट चुका था और मई 2019 के बाद सूचकांकों में गिरावट का यह सबसे लंबा सिलसिला था।
निवेशकों के बीच भरोसा बहाल करने के अदाणी समूह का असर रंग लाता दिख रहा है और समूह की फर्मों के शेयरों में लगातार दूसरे दिन तेजी देखी गई। समूह के बाजार पूंजीकरण में 40,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का इजाफा हुआ।
समूह के सभी शेयर बढ़त पर बंद हुए। अदाणी एंटरप्राइजेज में सबसे ज्यादा 14.7 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। दो दिन में कंपनी का शेयर करीब 30 फीसदी चढ़ा है।
सेंसेक्स में दो शेयरों को छोड़कर सभी लाभ में बंद हुए। रिलायंस इंडस्ट्रीज में 0.9 फीसदी तेजी दर्ज की गई और टीसीएस 2.1 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। इन दोनों शेयरों ने सेंसेक्स की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान दिया। बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर 2,411 शेयर लाभ में और 1,097 नुकसान पर बंद हुए। एक्सचेंजों के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक शुद्ध बिकवाल बने रहे और उन्होंने 425 करोड़ रुपये के शेयरों की बिकवाली की।
रेलिगेयर ब्रोकिंग में वाइस प्रेसिडेंट (तकनीकी शोध) अजित मिश्रा ने कहा, ‘बाजार ने सकारात्मक संकेत के साथ मार्च महीने की शुरुआत की है और हालिया गिरावट से उबरते हुए करीब 1 फीसदी बढ़त पर बंद हुआ। शुरुआती तेजी के बाद निफ्टी पूरे कारोबार के दौरान सीमित दायरे में कारोबार करता रहा लेकिन चुनिंदा बड़े शेयरों की लिवाली से सकारात्मक रुख बना रहा। इसके साथ ही आर्थिक मोर्चे पर सुधार से भी तेजी को बल मिला। हमारा मानना है कि यह तेजी बनी रहेगी मगर निफ्टी को 17,600 के आसपास प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है।’
हालांकि बाजार के विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि अभी उतार-चढ़ाव बना रह सकता है क्योंकि निवेशकों का मानना है कि आने वाले महीनों में केंद्रीय बैंक का रुख सतर्क रह सकता है।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज में रिटेल शोध के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘हम आशा करते हैं कि पिछले कुछ दिनों में तेज गिरावट के बाद बाजार में कुछ सुधार दिख सकता है। हालांकि विदेशी निवेशकों की बिकवाली और वैश्विक स्तर पर आने वाले वृहद आर्थिक आंकड़ों के लिहाज से सतर्कता बनाए रखनी चाहिए।’