शेयर बाजार

Stock Market MCap: ब्लूचिप के दम पर लांघी 5 ट्रिलियन डॉलर की चोटी, टॉप 100 कंपनियों की रही 63 फीसदी हिस्सेदारी

जब बाजार 3 लाख करोड़ डॉलर से 4 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचा था तब तस्वीर बिल्कुल उलट थी। उस दौरान शीर्ष 100 कंपनियों के बराबर योगदान बाकी कंपनियों ने भी किया था।

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समी मोडक   
सुन्दर सेतुरामन   
Last Updated- May 22, 2024 | 10:55 PM IST

देसी बाजार का पूंजीकरण ब्लूचिप कंपनियों के दम पर ही 4 लाख करोड़ डॉलर से बढ़कर 5 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंचा है। बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों के बाजार पूंजीकरण में आई बढ़ोतरी में शीर्ष 100 कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 63 फीसदी (81 लाख करोड़ रुपये में से 51 लाख करोड़ रुपये) रही। बाकी सूचीबद्ध कंपनियों की हिस्सेदारी केवल 37 फीसदी (81 लाख करोड़ रुपये में से 30 लाख करोड़ रुपये) रही।

जब बाजार 3 लाख करोड़ डॉलर से 4 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचा था तब तस्वीर बिल्कुल उलट थी। उस दौरान शीर्ष 100 कंपनियों के बराबर योगदान बाकी कंपनियों ने भी किया था। प्रतिशत के हिसाब से देखें तो पूंजीकरण वृद्धि में शीर्ष 100 कंपनियों और उनसे नीचे की कंपनियों की हिस्सेदारी 25-25 फीसदी रही। कुल बाजार पूंजीकरण 4 लाख करोड़ डॉलर से 5 लाख करोड़ डॉलर पहुंचने में भी वृद्धि 25 फीसदी ही रही।

बाजार पूंजीकरण 3 लाख करोड़ डॉलर से 5 लाख करोड़ डॉलर होने में कुल 55 फीसदी वृद्धि (रुपये के हिसाब से) रही है। बाजार पूंजीकरण 55 फीसदी बढ़कर (रुपये के हिसाब से) 3 लाख करोड़ डॉलर से 5 लाख करोड़ डॉलर पर पहुंचा है और इस दौरान शीर्ष 100 कंपनियों का बाजार मूल्य 41 फीसदी ही बढ़ा मगर बाकी कंपनियों का बढ़कर करीब दोगुना हो गया। पिछले 6 महीने में लार्ज कैप की तुलना में स्मॉल व मिड कैप में तेजी उससे पहले के 18 महीनों के मुकाबले घटी है।

बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी वजह यह है कि बड़ी कंपनियों का मूल्यांकन आम तौर पर आसानी से कम नहीं होता।

मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के संस्थापक और मुख्य निवेश अ​धिकारी सौरभ मुखर्जी ने कहा, ‘पूरे बाजार के मुकाबले लार्ज कैप शेयर पिछले एक दशक में अपने सबसे सस्ते स्तर पर हैं। लार्ज कैप का मूल्यांकन घटने से बढ़िया मौका मिला है, जिसका फायदा उठाने की कोशिश देसी और विदेशी निवेशक कर रहे हैं। चढ़ते हुए बाजार में भी लार्ज कैप का मूल्यांकन कम होना दुर्लभ और ताज्जुब की बात है। चुनावी नतीजे आने और दर कटौती का सिलसिला शुरू होने के साथ इन शेयरों में तेजी आ सकती है।’

देश के कुल बाजार पूंजीकरण में पर शीर्ष 100 शेयरों की हिस्सेदारी आम तौर पर दो-तिहाई से अ​धिक रही है। लेकिन अब कुल बाजार पूंजीकरण में इन कंपनियों की हिस्सेदारी 64 फीसदी से भी कम है। जब बाजार पूंजीकरण 1 लाख करोड़ डॉलर, 2 लाख करोड़ डॉलर और 3 लाख करोड़ डॉलर हुआ था तब शीर्ष 100 कंपनियों की हिस्सेदारी 70 फीसदी से अ​धिक थी।

बीएनपी पारिबा में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और कैपिटल मार्केट स्ट्रैटजी के प्रमुख गौरव दुआ ने कहा, ‘2023 में स्मॉल और मिडकैप में करीब 70 से 80 फीसदी बढ़त हुई थी और अब लार्ज कैप भी उसी राह पर चल रहे हैं। इसलिए 4 लाख करोड़ डॉलर से 5 लाख करोड़ डॉलर के सफर में शीर्ष 100 शेयरों का योगदान ज्यादा रहने पर ताज्जुब नहीं होना चाहिए। हालिया तेजी में जिनमें भारतीय स्टेट बैंक जैसे कई सरकारी बैंकों, कोल इंडिया, ओएनजीसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल जैसी कंपनियों का अहम हाथ रहा है। ये सभी कंपनियां शीर्ष 100 फर्मों की जमात में शामिल हैं।

(साथ में मयंक पटवर्द्धन)

First Published : May 22, 2024 | 10:55 PM IST