बिहार में आगामी 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में विधान सभा चुनाव होने हैं। इसके बाद 14 नवंबर को घोषित होने वाले परिणाम यह तय कर देंगे कि राज्य में अगली सरकार की कमान जदयू-भाजपा वाले राजग के हाथ होगी या राजद-कांग्रेस नीत महागठबंधन सत्ता संभालेगा। लेकिन नवंबर 2020 से जुलाई 2025 तक चली पिछली सरकार का कामकाज कैसा रहा इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 251 विधायकों वाली पिछली विधान सभा में लगभग 146 बैठकें हुईं।
इन बैठकों में 99 विधेयक पारित किए गए। पांच साल के पूरे कार्यकाल के दौरान विधान सभा में 1,003 प्रश्न पूछे गए। इनमें 63 प्रतिशत प्रश्न महागठबंधन के विधायकों द्वारा पूछे गए जबकि 20 प्रतिशत राजग और शेष 17 प्रतिशत अन्य दलों के सदस्यों ने उठाए।
नई विधान सभा की बैठकों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष 2020 में केवल 5 बैठकें हुई थीं, इसके मुकाबले 2022 में यह संख्या बढ़कर 34 पहुंच गई। लेकिन बाद में थोड़ी सुस्त चाल देखने को मिली और ऊपर चढ़ता ग्राफ नीचे की ओर हो गया।
नतीजतन 2024 में विधान सभा की बैठकों की संख्या घटकर 22 पर आ गई। हालांकि कार्यकाल के अंतिम वर्ष में विधान सभा में फिर अति सक्रियता देखने को मिली और 2025 के सिर्फ सात महीनों में ही 23 बैठकें हो चुकी थीं। बिहार विधान सभा में उठाए गए सभी प्रश्नों में से सबसे अधिक ग्रामीण कार्यों, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों से संबंधित उठाए गए।