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आर्टिफिशल इंटेलिजेंस से जुड़े शेयरों में बढ़ोतरी की और गुंजाइश: मार्क मैथ्यूज

मार्क मैथ्यूज ने बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 के मौके पर कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़े शेयरों में बढ़ोतरी की और गुंजाइश है।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- October 31, 2025 | 10:54 PM IST

जूलियस बेयर के प्रबंध निदेशक और शोध प्रमुख (एशिया) मार्क मैथ्यूज ने बिजनेस स्टैंडर्ड बीएफएसआई इनसाइट समिट 2025 के मौके पर कहा कि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) से जुड़े शेयरों में बढ़ोतरी की और गुंजाइश है। एनवीडिया के जेन्सेन हुआंग और ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन जैसे तकनीकी दिग्गजों को लेकर चल रही चर्चा के बीच उन्होंने एआई शेयरों से जुड़े बाजार के मौजूदा मनोबल को ‘पागलपन’ बताया।

उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से एआई के क्षेत्र में कई रॉकस्टार हैं। जेन्सेन हुआंग पहले स्थान पर हैं और दूसरे हैं सैम ऑल्टमैन। मार्क जुकरबर्ग या जेफ बेजोस जैसे अन्य लोग अब पुराने जमाने के लगते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऐतिहासिक रूप से हर बड़े तकनीकी बदलाव, चाहे वह तेल हो या वित्त, में रॉकफेलर या जेपी मॉर्गन जैसे दिग्गज शामिल रहे हैं इसलिए यह कोई नई बात नहीं है।’

हालांकि मैथ्यूज स्वीकार करते हैं कि यह उत्साह ‘उथला’ लगता है, लेकिन उनका यह मानना नहीं है कि एआई वाला चरण निकट भविष्य के सुधार का संकेत देता है। उन्होंने कहा, ‘जब आप इन तेजतर्रार व्यक्तित्वों को अत्यधिक तेज रुख के साथ जोड़ते हैं, तो यह जरूरत से ज्यादा उत्साहपूर्ण लगता है। फिर भी मुझे लगता है कि अगले 12 महीने के दौरान एसऐंडपी 500 और नैस्डैक अब भी 15 से 20 प्रतिशत बढ़ सकते हैं।’

इस दृष्टिकोण का विरोध करते हुए जीक्वांट फिनएक्सरे के संस्थापक शंकर शर्मा ने कहा कि एसऐंडपी 500 और नैस्डैक ने केवल डॉलर के लिहाज से अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा, ‘यूरो के लिहाज से वे इस साल बुरी तरह पिछड़ रहे हैं।’

चीन पर जोर

हालांकि पिछले कुछ वर्षों के दौरान चीन की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है, लेकिन शेयर बाजार में उसका धीमा रिटर्न चर्चा का प्रमुख विषय बनकर उभरा है। मैथ्यूज ने कहा कि साल 2020 से चीन के सीएसआई 300 सूचकांक में लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था कई गुना बढ़ गई है।

मैथ्यूज ने एक स्लाइड भी दिखाई जिसमें टेनसेंट के मुख्यालय के साथ एक मूर्ति दिखाई गई थी, जिस पर लिखा था, ‘हमारी पार्टी में शामिल हों, अपना कारोबार शुरू करें’, जो निजी उद्यम पर सरकार के गहरे नियंत्रण का प्रतीक है।

भारत में भी सरकार की बढ़ती मौजूदगी के साथ मैथ्यूज ने आगाह किया कि देश के लिए सबसे बड़ा जोखिम बढ़ती असमानता है – अमीर और गरीब के बीच तथा वृद्ध और युवा लोगों के बीच।

उन्होंने कहा, ‘जब युवाओं को अच्छी नौकरियां नहीं मिल पातीं, तो समाज और ज्यादा समाजवादी नीतियां अपनाने लगता है, जिनसे आम तौर पर शेयर बाजार में अच्छा प्रतिफल नहीं मिलता।’

उन्होंने कहा, ‘चीन ने धन का वितरण करते हुए किसी तरह से कम बाजार प्रतिफल के बावजूद समृद्ध अर्थव्यवस्था का निर्माण कर लिया। खतरा यह है कि अन्य देश चीन के सरकार-प्रधान प्रारूप की नकल करने की कोशिश कर सकते हैं, बिना यह समझे कि यह वास्तव में कैसे काम करता है।’

उन्होंने कहा, ’जब युवाओं को अच्छी नौकरियाँ नहीं मिलतीं, तो समाज अधिक समाजवादी नीतियाँ अपनाने लगते हैं, जिनसे आमतौर पर शेयर बाजार में अच्छा प्रतिफल नहीं मिलता।’ उन्होंने आगे कहा, ’चीन ने धन का वितरण करके किसी तरह कम बाजार प्रतिफल के बावजूद एक समृद्ध अर्थव्यवस्था का निर्माण किया। खतरा यह है कि अन्य देश चीन के राज्य-प्रधान मॉडल की नकल करने की कोशिश कर सकते हैं, बिना यह समझे कि यह वास्तव में कैसे काम करता है।’

हालांकि शंकर शर्मा ने विपरीत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने तर्क दिया कि चीन ने जानबूझकर अपने शेयर बाजार को दबाया है ताकि प्रतिभाओं को गेमिंग या डिलिवरी ऐप के बजाय वास्तविक नवाचार, अनुसंधान और विकास (आरऐंडडी), विनिर्माण तथा इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में लगाया जा सके।

शर्मा ने कहा, ‘इस प्रणाली को कहीं और दोहराना मुश्किल है।’ उन्होंने कहा, ‘उदाहरण के लिए भारत पहले से ही वित्तीय रूप से काफी ज्यादा विकसित हो चुका है। बहुत से इंजीनियर हार्ड टेक के बजाय फूड डिलिवरी के लिए ऐप बना रहे हैं। अब इस प्रारूप को बदलने में बहुत देर हो चुकी है।’

राष्ट्रवाद और वैश्वीकरण-विरोधी

यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिका और चीन जैसी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में राष्ट्रवाद का उदय वैश्विक विकास को नुकसान पहुंचा रहा है, मैथ्यूज ने कहा कि अब तक इसका प्रभाव अपेक्षा से कम गंभीर रहा है।

First Published : October 31, 2025 | 10:31 PM IST