शेयर बाजार

Closing Bell: इजराइल-ईरान संकट के चलते गिरावट में बंद हुआ बाजार, सेंसेक्स 511 अंक टूटा; निफ्टी 24,972 पर बंद

Stock Market: इजराइल और ईरान युद्ध के बीच अमेरिका की एंट्री से एशियाई बाजारों में भी सुस्ती देखने को मिली और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा।

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जतिन भूटानी   
Last Updated- June 23, 2025 | 3:47 PM IST

Stock Market Closing Bell, 23 June: वैश्विक बाजारों में कमजोर रुख के बीच भारतीय शेयर बाजार सप्ताह के पहले ट्रेडिंग सेशन यानी सोमवार (23 जून) को बड़ी गिरावट में बंद हुए। इजराइल और ईरान युद्ध के बीच अमेरिका की एंट्री से एशियाई बाजारों में भी सुस्ती देखने को मिली और इसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा। इसके अलावा पिछले सप्ताह एक्सेंचर के नतीजों के बाद इंफोसिस की अगुवाई में आईटी स्टॉक्स में गिरावट ने भी बाजार को नीचे खींचा।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज बड़ी गिरावट लेकर 81,704.07 पर खुला। कारोबार के दौरान यह 81,476 अंक तक फिसल गया था। अंत में यह 511.38 अंक या 0.62% की गिरावट लेकर 81,896.79 पर बंद हुआ।

इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty-50) भी बड़ी गिरावट लेकर 25 हजार के नीचे खुला। खुलते ही यह और नीचे चला गया। कारोबार के दौरान यह 24,824.85 अंक के इंट्रा-डे लो तक चला गया था। अंत में यह 140.50 अंक या 0.56% गिरकर 24,971.90 पर सेटल हुआ।

Top Gainers & Losers

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में से 21 शेयर लाल निशान में बंद हुए। इनमें एचसीएल टेक, इंफोसिस, लार्सन एंड टुब्रो, महिंद्रा एंड महिंद्रा, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी (ITC) सबसे ज्यादा गिरावट के साथ बंद हुए।

दूसरी तरफ, ट्रेंट, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक और बजाज फिनसर्व सबसे ज्यादा लाभ में रहने वाले शेयरों में रहे। इनमें 3.39 प्रतिशत से 0.58 प्रतिशत तक की तेजी आई।

आज IT Stocks क्यों गिरे?

भारतीय आईटी कम्पनियों.. इंफोसिस लिमिटेड, टीसीएस लिमिटेड, विप्रो लिमिटेड जैसी कम्पनियों के शेयर सोमवार को शुरूआती कारोबार में 3 फीसदी तक तक फिसल गए। पिछले सप्ताह शुक्रवार को घोषित एक्सेंचर के परिणामों के कारण आज आईटी स्टॉक्स में गिरावट देखने को मिल रही है।

वैश्विक बाजारों से क्या संकेत?

अमेरिका और ईरान के तीन परमाणु स्थलों पर हमले करने के दावे के बाद सोमवार को एशियाई बाजारों में गिरावट आई। इससे मीडिल ईस्ट में व्यापक संघर्ष की आशंका बढ़ गई और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई।

ब्रेंट क्रूड 2.62 प्रतिशत बढ़कर 79.06 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) 2.75 प्रतिशत बढ़कर 75.89 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। क्षेत्र में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच हाल के हफ्तों में तेल की कीमतें चढ़ रही हैं।

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जापान के निक्केई इंडेक्स में 0.74 प्रतिशत की गिरावट आई और ब्रोडर टॉपिक्स इंडेक्स में 0.64 प्रतिशत की गिरावट आई। कोस्पी में 1.22 प्रतिशत की गिरावट आई और एएसएक्स 200 में 0.76 प्रतिशत की गिरावट आई।

एशियाई बाजारों में शुरुआती कारोबारी घंटों के दौरान अमेरिकी शेयर फ्यूचर्स में गिरावट आई। डॉव जोन्स वायदा में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि एसएंडपी 500 और नैस्डैक 100 फ्यूचर्स में क्रमशः 0.3 प्रतिशत और 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई।

विदेशी निवेशकों ने की खरीदारी

संस्थागत गतिविधियों के मोर्चे पर विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने ₹7,704.37 करोड़ के शेयर खरीदे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 20 जून को ₹3,657.7 करोड़ के शेयर बेचे।

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होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद कर सकता है ईरान

इस बात की चिंता है कि ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य (Strait of Hormuz) को बंद कर सकता है। इसके जरिए वैश्विक तेल और गैस का लगभग 20% प्रवाह होता है। इससे आपूर्ति बाधित होने की आशंका बढ़ गई है। गोल्डमैन सैक्स ने इन चिंताओं के बीच वैश्विक एनर्जी सप्लाई के लिए जोखिम की बात कही है और कहा है कि इससे तेल और प्राकृतिक गैस की कीमतों में भारी उछाल आएगा।

First Published : June 23, 2025 | 8:27 AM IST