सरकार को रिकॉर्ड अधिशेष (Surplus) सौंपने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले के अगले दिन आज बेंचमार्क सूचकांक नई ऊंचाइयों पर पहुंच गए। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लिवाली और चुनाव पर अनिश्चितता कम होने से भी निवेशकों का हौसला बढ़ा है। इन सभी वजहों से सेंसेक्स और निफ्टी 10 अप्रैल के अपने उच्चतम स्तर को पार कर नए शिखर पर पहुंच गए।
सेंसेक्स (Sensex) 1,197 अंक या 1.61 फीसदी की तेजी के साथ 75,418 पर बंद हुआ, जो 1 मार्च के बाद उसकी सबसे बड़ी छलांग है। निफ्टी (Nifty) में भी लगातार छठे कारोबारी सत्र में तेजी देखी गई और यह 370 अंक या 1.6 फीसदी चढ़कर 22,968 पर बंद हुआ। 29 जनवरी के बाद निफ्टी में यह सबसे बड़ी तेजी है।
कंपनियों का मार्केट कैप 4.3 लाख करोड़ रुपये बढ़ा
इधर बंबई स्टॉक एक्सचेंज पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 4.3 लाख करोड़ रुपये बढ़कर 420.2 लाख करोड़ रुपये हो गया। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का पूंजीकरण भी 5 लाख करोड़ डॉलर (417 लाख करोड़ रुपये) के ऊपर बंद हुआ।
सेंसेक्स की तेजी में बैंकिंग शेयरों का योगदान एक-तिहाई से अधिक रहा। सरकार को रिकॉर्ड अधिशेष देने की रिजर्व बैंक की घोषणा के बाद बॉन्ड यील्ड कम हुई है, जिससे बैंकिंग शेयरों को पंख लग गए।
उम्मीद से दोगुना मिला सरप्लस
सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये अधिशेष देने के रिजर्व बैंक के फैसले से सरकारी बॉन्ड की यील्ड घटकर 7 फीसदी से कम रह गई। विश्लेषकों और सरकार ने 1.02 लाख करोड़ रुपये अधिशेष मिलने का अनुमान लगाया था। ज्यादा अधिशेष मिलने से व्यय संबंधी जरूरतें पूरी करने में सरकार को अधिक सहूलियत होगी और घाटा भी कम होगा।
शून्य बाय फिनवेसिया के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक सर्वजीत सिंह विर्क ने कहा, ‘इससे सरकार को खजाने में सकल घरेलू उत्पाद के 0.3 फीसदी के बराबर अतिरिक्त संसाधन मिल जाएंगे और उसे राजकोषीय घाटा कम करने तथा बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह निवेशकों का हौसला बढ़ाने वाला महत्त्वपूर्ण वृहद आर्थिक कारक है।’
विदेशी निवेशकों ने आज 4,671 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
एक्सचेंजों के अंतरिम आंकड़ों के अनुसार विदेशी निवेशकों ने आज 4,671 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। भारतीय जनता पार्टी (BJP) की रिकॉर्ड सीटें आने और उसके बाद बाजार के तेज दौड़ लगाने का प्रधानमंत्री का दावा निवेशकों में जोश पैदा कर गया है।
प्रधानमंत्री ने एक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में कहा था कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) शुरुआती चरणों के बाद ही बहुमत से आगे चला गया था और हर चरण के मतदान के बाद सत्तारूढ गठबंधन ज्यादा मजबूत हो रहा है।
उन्होंने रविवार को कहा था कि चुनाव के नतीजों के बाद शेयर बाजार में बहुत तेजी आएगी। उनसे पहले केंद्र सरकार के तीन वरिष्ठ मंत्री भी बाजार में ठहराव आने का आश्वासन दे चुके थे। पहले बाजार को चिंता थी कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को सुधार जारी रखने के लिए पर्याप्त सीटें नहीं मिल पाएंगी। इसी कारण 19 अप्रैल को चुनाव शुरू होने के बाद से ही शेयर बाजार में उथल-पुथल देखी जा रही है।