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छोटे सबसे ज्यादा पिटे, आगे और घटेंगे?

छोटे शेयरों के सूचकांक में अपने सर्वोच्च स्तर से गिरावट बहुत तेज रही है जिससे यह मंदी के दौर में चला गया है।

Last Updated- February 17, 2025 | 11:12 PM IST
Irrational choices: Changes will be seen in the world of small stocks छोटे शेयरों की दुनिया में दिखेंगे बदलाव

पिछले कुछ महीनों में स्मॉलकैप शेयरों पर भारी बिकवाली का दबाव है। इस कारण नैशनल स्टॉक एक्सचेंज पर निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 250 सूचकांक पिछले सप्ताह मंदी की गिरफ्त में चले गए। अपने-अपने सर्वोच्च स्तरों से 20 फीसदी से अधिक की गिरावट पर मंदी की चपेट में माना जाता है।

निफ्टी स्मॉलकैप 100 ने 12 दिसंबर 2024 को अब तक के सर्वोच्च स्तर 19,716 के छुआ था और तब से लेकर सोमवार को दिन के कारोबार में यह 23.7 फीसदी (4,672 अंक) गिरकर 15,044 के निचले स्तर पर आ गया। इस बीच, निफ्टी स्मॉलकैप 250 ने 27 सितंबर, 2024 के अपने सर्वोच्च से 24 फीसदी से अधिक की गिरावट दर्ज की है और सोमवार को यह 14,145 के निचले स्तर को छू गया।

इस अवधि में निफ्टी स्मॉलकैप 250 के लगभग 60 फीसदी शेयरों ने बीएसई स्मॉलकैप 250 की तुलना में ज्यादा नुकसान दर्ज किया। विश्लेषकों ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में हुई तेज गिरावट स्मॉलकैप शेयरों को धराशायी वाले दौर में पहुंचा सकती है क्योंकि निवेशक नकदी निकालने, अपनी पूंजी बचाने, नुकसान कम करने और सुरक्षित ठिकाने की ओर जा रहे हैं।

परिभाषा के अनुसार धराशायी एक ऐसी घटना होती है, जिसमें निवेशक बड़ा नुकसान होने के डर से शेयर कीमतों में लंबे समय तक गिरावट के दौरान अपनी पोजीशन बेच देते हैं। घबराहट भरी यह बिकवाली भी मार्जिन कॉल और वायदा एवं विकल्प में ज्यादा मार्जिन से शुरू हो सकती है। दूसरी ओर, कुछ लोगों का मानना है कि धराशायी होने से बिक्री का दबाव समाप्त हो सकता है, जिससे खरीद का नया मौका मिल सकता है।

रेलिगेयर ब्रोकिंग में वरिष्ठ उपाध्यक्ष (शोध) अजित मिश्र ने कहा कि छोटे शेयरों के सूचकांक में अपने सर्वोच्च स्तर से गिरावट बहुत तेज रही है जिससे यह मंदी के दौर में चला गया है। मतलब कि मैं इनकी फिर से वापसी वाली तेजी को खारिज नहीं करता, लेकिन यह अल्पकालिक होनी चाहिए। मिडकैप की तुलना में छोटे शेयर अभी भी कमजोर दिखते हैं और इनमें और भी गिरावट आ सकती है।

First Published - February 17, 2025 | 11:12 PM IST

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