सोमवार को श्रीराम फाइनैंस का शेयर सर्वाधिक ऊंचे स्तर पर पहुंच गया और 935.10 पर बंद हुआ। यह पिछले बंद भाव से 3.7 प्रतिशत अधिक है। ब्रोकरेज फर्मों का कहना है कि जापान के एमयूएफजी बैंक के प्रस्तावित पूंजी निवेश से इस ऋणदाता की नेटवर्थ में लगभग 66 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी और इसकी पूंजी पर्याप्तता 10 प्रतिशत अंक से अधिक बढ़कर 30 प्रतिशत से ऊपर हो जाएगी। फाइनैंस कंपनी को रेटिंग अपग्रेड भी मिल सकती है। वर्तमान में इसकी एए+ रेटिंग है जबकि अधिकांश अपर-लेयर एनबीएफसी को ‘एएए’ रेटिंग हासिल है। कैलेंडर वर्ष 2025 में, इस शेयर में 62.1 प्रतिशत की तेजी आई है।
श्रीराम फाइनैंस के प्रबंधन ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस सौदे के बाद कंपनी के फंड की लागत समय के साथ 50-75 आधार अंक तक कम होने की उम्मीद है। प्रबंधन ने कहा कि पूंजी निवेश के बाद, श्रीराम फाइनैंस का पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीआरएआर) बढ़कर लगभग 31 प्रतिशत हो जाने की संभावना है, जिससे अगले कुछ वर्षों में तेजी से वृद्धि की उम्मीदें मजबूत होंगी।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज ने एक शोध रिपोर्ट में कहा है, ‘एमयूएफजी के पूंजी निवेश से वित्त वर्ष 2025-28 के दौरान श्रीराम फाइनैंस की एयूएम 18 प्रतिशत की सालाना दर से बढ़ने की संभावना है। पहले 16.5 प्रतिशत एयूएम वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। कंपनी का शुद्ध लाभ भी इसी अवधि में 25 प्रतिशत की मजबूत दर से बढ़ने की उम्मीद है।’
श्रीराम फाइनैंस ने कहा कि वह नई पूंजी का इस्तेमाल मुख्य रूप से अपना कोर बिजनेस बढ़ाने में करेगी, न कि नए ऋण क्षेत्र के कारोबार में जाने के लिए। उसका फोकस वाहन वित्त पर बना हुआ है – जिसमें कमर्शियल व्हीकल, ट्रैक्टर, टू-व्हीलर और पैसेंजर व्हीकल शामिल हैं। एसएमई उधारी पर भी ध्यान बढ़ाया जाएगा। कंपनी को अगले चार से पांच साल में 20 प्रतिशत एयूएम वृद्धि की उम्मीद है, जो कोविड के बाद आर्थिक रिकवरी, बीएस-6 नियमों के बाद कीमतों में 30-40 प्रतिशत की तेज बढ़ोतरी के कारण वाहन अपग्रेड में देरी और ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बढ़ती मांग से प्रेरित है।