चालू कैलेंडर वर्ष के शुरू से सूचीबद्ध रक्षा उपकरण निर्माताओं के शेयर भाव में भारी तेजी आई है। हालांकि इस तेजी में इन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन का असर दिखना अभी बाकी है।
सार्वजनिक क्षेत्र 6 रक्षा कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (mcap) इस साल अब तक (YTD) आधार पर 45 प्रतिशत तक बढ़ा है और पिछले साल में दोगुना हुआ। इसके विपरीत, संयुक्त आय वित्त वर्ष 2023 में सिर्फ 15.8 प्रतिशत तक बढ़ी थी।
बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 6 रक्षा कंपनियों के शेयरों का मूल्यांकन मंगलवार को 2.93 लाख करोड़ रुपये पर था, जो दिसंबर 2022 के 2.04 लाख करोड़ रुपये और जून 2022 के 1.4 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 44 प्रतिशत ज्यादा है।
तुलनात्मक तौर पर, बीएसई का सेंसेक्स YTD आधार पर 7.8 प्रतिशत तक और पिछले साल जून के अंत से 23.7 प्रतिशत तक चढ़ा है। इससे रक्षा कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन पिछले साल में शेयर बाजारों में शानदार रहा।
बिजनेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 6 रक्षा उपकरण निर्माताओं में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स (BEL), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स, भारत डायनेमिक्स, कोचीन शिपयार्ड, और गार्डन रीच शिपबिल्डर्स ऐंड इंजीनियर्स शामिल हैं। इनमें एचएएल 1.29 लाख करोड़ रुपये के बाजार पूंजीकरण के साथ सबसे बड़ी कंपनी है, जिसके बाद BEL का बाजार पूंजीकरण (mcap) मंगलवार गुरुवार तक 91,774 करोड़ रुपये था।
इस क्षेत्र के शेयरों में तेजी काफी हद तक राजस्व और मुनाफे में तेजी के बजाय मूल्यांकन में बदलाव पर ज्यादा केंद्रित रही है।
पिछली कुछ तिमाहियों में इन कंपनियों के वित्तीय प्रदर्शन से संकेत राजस्व और मुनाफे में सुस्ती आने का संकेत मिलता है।
वित्त वर्ष 2023 में इन कंपनियों की संयुक्त शुद्ध बिक्री महज 12.2 प्रतिशत तक बढ़ी, जबकि शुद्ध लाभ समान अवधि में 15.8 प्रतिशत तक बढ़ा।
तुलनात्मक तौर पर, 2021-22 में शुद्ध बिक्री एक साल पहले के आधार पर 14.1 प्रतिशत तक बढ़ी, जबकि शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष के दौरान सालाना आधार पर 35.8 प्रतिशत तक बढ़ा। इसकी वजह से रक्षा क्षेत्र के शेयरों का मूल्यांकन तेजी से बढ़ा है।
इन 6 शेयरों का पिछले 12 महीनों का औसत पीई मल्टीपल पिछले साल में करीब दोगुना हो गया। यह मल्टीपल जून 2022 के अंत में 13.6 गुना पर था जो गुरुवार को 27.1 गुना पर पहुंच गया। इसकी वजह से ये शेयर अब सेंसेक्स के मूल्यांकन की तुलना में ऊपर कारोबार कर रहे हैं।
कुछ विश्लेषक रक्षा शेयरों में मौजूदा भारी तेजी को बुलबुले जैसी स्थिति मान रहे हैं।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक चोकालिंगम जी का कहना है, ‘रक्षा कंपनियों की शेयर कीमतों में ताजा तेजी स्मॉलकैप और मिडकैप शेयरों में बड़ी तेजी का हिस्सा है। लेकिन यह जल्द ही समाप्त होने का अनुमान है, क्योंकि यह तेजी आय में वृद्धि से समर्थित नहीं है।’
चोकालिंगम के अनुसार, यह तेजी निवेशकों को नया निवेश करने के बजाय इन शेयरों में मुनाफावसूली करने का एक अवसर है।
उन्होंने कहा, ‘मौजूदा समय में ज्यादा महंगे मूल्यांकन की वजह से रक्षा शेयरों में नया निवेश करना जोखिमपूर्ण और देर से किया जाने वाला निवेश भी है।’
हालांकि तेजड़िये नए ऑर्डरों और तकनीकी आधुनिकीकरण को ध्यान में रखकर इस क्षेत्र में वृद्धि के अवसरों पर दांव लगा रहे हैं।
उदाहरण के लिए, देश के दूसरे सबसे बड़े इक्विटी फंड हाउस HDFC Asset Management Company ने पिछले महीने भारत का पहला डिफेंस फंड पेश किया था।