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SEBI Hindenburg case: सेबी-हिंडनबर्ग विवाद पर सरकार को कुछ और नहीं कहना, DEA सेक्रेटरी ने कहा- सब कुछ बता दिया गया

सेबी और चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के बयानों के बाद सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर आगे कुछ और नहीं कहना है। वहीं, विपक्ष ने संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग की है।

Last Updated- August 12, 2024 | 4:14 PM IST
जारी नहीं रह सकती कर उछाल, Tax buoyancy cannot continue year after year, says DEA secy Ajay Seth

SEBI Hindenburg news: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) और इसकी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की तरफ से ताजा हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर आए बयान के एक दिन बाद आज यानी 12 अगस्त को आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव (DEA Secretary) अजय सेठ ने बताया कि सरकार के पास इस मुद्दे पर कहने के लिए कुछ और नहीं है। सेठ ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘सेबी ने बयान दिया है। चेयरपर्सन ने भी बयान दिया है… सरकार की ओर से और कुछ कहने के लिए नहीं है।’

हिंडनबर्ग के आरोपों का बुच दंपती ने किया खंडन, क्या है आरोप

बता दें कि रविवार को सेबी और माधबी पुरी बुच ने अदाणी मामले में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा लगाए गए ताजा आरोपों का खंडन किया था।

शनिवार को जारी एक नई रिपोर्ट में, हिंडनबर्ग ने अदाणी जांच में देरी और इस मामले में सेबी की निष्पक्षता पर सवाल उठाया था, और आरोप लगाया था कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल पक्षपात कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने एक फंड में निवेश किया था जिसका कथित तौर पर अदाणी ग्रुप के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए उपयोग किया गया था।

अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने विदेशी फंड स्ट्रक्चर के उपयोग पर भी सवाल उठाया और भारतीय प्रतिभूति नियामक (सेबी) पर रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। हिंडनबर्ग का कहना है कि धवल बुच के प्राइवेट इक्विटी प्रमुख ब्लैकस्टोन (Blackstone) के साथ कनेक्शन है और कंपनी घरेलू रियल्टी क्षेत्र में एक बड़ी निवेशक है।

सेबी और बुच ने सभी आरोपों का खंडन करते हुए उन्हें निराधार और चरित्र हनन का प्रयास बताया।

हिंडनबर्ग ने शनिवार को एक रिपोर्ट जारी की थी जिसमें बुच दंपति के IPE प्लस 1 फंड में निवेश के बारे में बताया गया था। IPE Plus 1 Fund मॉरीशस का एक सेग्रिगेटेड फंड है जिसे IIFL वेल्थ -अब 360-वन (IIFL Wealth -now 360-One) द्वारा प्रबंधित ग्लोबल डायनामिक ऑपर्च्युनिटीज फंड (GDOF) के तहत रखा गया था।

हालांकि, 360-वन WAM ने रविवार को बयान जारी करते हुए कहा कि उसके IPE-Plus Fund 1, में बुच दंपति ने निवेश किया था। लेकिन, जब तक उनका निवेश उस फंड में रहा था, उस टेन्योर के दौरान अदाणी समूह के शेयरों पर डायरेक्ट या इनडायरेक्ट पैसा नहीं लगाया गया।

अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के खिलाफ क्या कहा

अदाणी समूह ने ताजा आरोपों को एक ‘रेड हेरिंग’ करार देते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण, शरारती और भ्रामक बताया।

विपक्षी INDIA (गठबंधन) ने शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग के आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग की है।

First Published - August 12, 2024 | 3:45 PM IST

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