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इनसाइडर ट्रेडिंग व संवेदनशील सूचनाओं पर सख्त नियंत्रण रखें लिस्टेड बैंक: तुहिन कांत पांडेय

पांडेय ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी को वैध मकसद के लिए जानकारी की जरूरत नहीं है तो उसकी पहुंच वहां तक नहीं होनी चाहिए।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- September 03, 2025 | 9:58 PM IST

बाजार नियामक सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय ने बुधवार को कहा कि भेदिया कारोबार को रोकने के लिए सूचीबद्ध बैंकों को कीमत से जुड़ी संवेदनशील सूचनाओं की गोपनीयता पर सख्ती से नियंत्रण रखना चाहिए। सेबी चेयरमैन भेदिया कारोबार निरोधक नियमों पर आयोजित सत्र में सूचीबद्ध बैंकों के प्रबंध निदेशकों और प्रमुख अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।

पांडेय ने कहा कि अगर किसी कर्मचारी को वैध मकसद के लिए जानकारी की जरूरत नहीं है तो उसकी पहुंच वहां तक नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा, अनौपचारिक बैठकों में भी जानकारी का अनौपचारिक आदान-प्रदान गंभीर उल्लंघन माना जाना चाहिए। सेबी प्रमुख ने कहा, कमजोर नियंत्रण को धोखाधड़ी का प्रमुख कारण माना जाता है। उन्होंने अपने बैंक और अन्य कंपनियों से संबंधित सूचना के लिए बैंकों की दोहरी जिम्मेदारी पर जोर दिया।

चूंकि बैंक बड़े ऋण स्वीकृत करते हैं, ऋण पुनर्गठन बातचीतों, पुनर्भुगतान निपटान का हिस्सा होते हैं और वे संकट वाली परिसंपत्तियों के ऋणदाताओं की समिति की कार्यवाही में भाग लेते हैं, इसलिए उनके पास अन्य सूचीबद्ध कंपनियों की कीमत से जुड़ी संवेदनशील जानकारी तक पहुंच होती है जो शेयर कीमतों को प्रभावित कर सकती है। सेबी प्रमुख ने कहा, प्रबंध निदेशक के रूप में आपकी भूमिका केवल आपके बैंक के अनुपालन की निगरानी तक ही सीमित नहीं है। इसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि अन्य कंपनियों की जानकारी आपके अपने संगठन के संवेदनशील डेटा की तरह ही सख्ती और गोपनीयता से सुरक्षित रहे।

उन्होंने कहा कि अप्रकाशित मूल्य संबंधी संवेदनशील सूचना (यूपीएसआई) के हर भाग का लेखा-जोखा होना चाहिए। हर डिस्क्लोजर के सटीक और समय पर होना चाहिए। साथ ही कर्मचारियों के पास इस सिलसिले में आचार संहिता और लिखित नीतियां होनी चाहिए। सेबी प्रमुख की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब नियामक इंडसइंड बैंक मामले में कथित भेदिया कारोबार और देर से डिस्क्लोजर की जांच कर रहा है।

पांडेय ने पहुंच के सख्त नियमों-प्रक्रियाओं, सूचनाओं पर वर्चुअल या प्रक्रियागत अवरोधों और सुरक्षित डिजिटल प्रणालियों का आह्वान किया और कहा, आज की जुड़ाव वाली दुनिया में एक भी लीक कुछ ही सेकंड में डिजिटल नेटवर्क पर फैल सकती है और इससे होने वाले नुकसान की भरपाई का कोई तरीका नहीं है, जो स्टॉक की कीमतों, निवेशकों के भरोसे या आपके बैंक की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचा सकता है।

पांडेय ने कहा, जब कोई नियामकीय प्राधिकारी आपके दरवाजे पर दस्तक देता है तो तुरंत और व्यापक रूप से यह बताने की आपकी क्षमता कि किसने क्या और कब जाना, आपका सबसे बड़ा बचाव होगा। उन्होंने बताया कि सेबी एसडीडी का अनुपालन न करने को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करता। एसडीडी का मतलब है स्ट्रक्चर्ड डिजिटल डेटाबेस जो सूचीबद्ध संस्थाओं द्वारा यूपीएसआई साझा करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला टूल है।

First Published : September 3, 2025 | 9:53 PM IST