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गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट के बाद Reliance Industries के शेयरों में उछाल, बाजार में आई मजबूती

HDFC Bank, L&T और Maruti Suzuki इंडेक्स की बढ़त में योगदान करने वाले अन्य बड़े शेयर रहे।

Last Updated- March 27, 2024 | 10:13 PM IST
Market is not worried about Maharashtra results, keeping an eye on policy announcements and global events बाजार को महाराष्ट्र के नतीजों की चिंता नहीं, नीतिगत घोषणाओं और वैश्विक घटनाओं पर टिकी नजर

रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर में बढ़त के बीच भारतीय इक्विटी बेंचमार्क में बुधवार को उछाल दर्ज हुई। बाजार में चढ़ने और गिरने वाले शेयरों का अनुपात हालांकि कमजोर बना रहा। सेंसेक्स 526 अंकों की बढ़त के साथ 72,996 पर बंद हुआ जबकि निफ्टी-50 इंडेक्स ने 119 अंकों की बढ़त के साथ 22,124 पर कारोबार की समाप्ति की।

व्यापक बाजार के सूचकांकों का प्रदर्शन कमजोर रहा और निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 0.1 फीसदी चढ़ा। निफ्टी मिडकैप इंडेक्स ने 0.1 फीसदी की गिरावट दर्ज की। पिटा हुआ निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स करीब एक फीसदी चढ़ा। बीएसई पर 1,471 शेयरों में बढ़ोतरी हुई जबकि 2,381 शेयरों में गिरावट आई।

रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 3.6 फीसदी चढ़कर 2,984 पर बंद हुआ और यह सबसे ज्यादा लाभ दर्ज करने वाला शेयर और सेंसेक्स व निफ्टी की बढ़त में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला रहा। कंपनी का शेयर गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के बाद बढ़ा जिसमें उसने कंपनी के शेयर की कीमत का लक्ष्य 3,400 रुपये दिया है। एचडीएफसी बैंक, एलऐंडटी और मारुति सुजूकी इंडेक्स की बढ़त में योगदान करने वाले अन्य बड़े शेयर रहे।

जियोजित फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि शेयर विशेष में हलचल और ठीक-ठाक आर्थिक वृद्धि के अनुमान के चलते बना सकारात्मक रुख बाजार को धनात्मक दिशा में ले गया। हालांकि छुट्टियों के कारण कम कारोबारी दिवस वाले सप्ताह में निवेशक अब अमेरिका के जीडीपी आंकड़ों और अगले हफ्ते आरबीआई की घोषणा पर ध्यान दे रहे हैं जिनसे बाजार को दिशा मिल सकती है। मिडकैप और स्मॉलकैप क्षेत्र उम्दा प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन वॉल्यूम कम है।

पिछले हफ्ते से ही इक्विटी निवेशक ज्यादा आशावादी हैं क्योंकि अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कमी को लेकर स्पष्टता की है। फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरें अभी तक 5.25 से 5.5 फीसदी के दायरे में अपरिवर्तित रखी हैं जो साल 2001 के बाद का उच्चस्तर है और लगातार पांचवीं बैठक में ऐसा हुआ। लेकिन उन्होंने इस साल तीन बार दरों में कटौती की उम्मीदें जगाए रखीं।

हालिया महंगाई आंकड़ों के बाद ब्याज कटौती के परिदृश्य को लेकर संदेह था। हालांकि फेड प्रमुख जीरोम पॉवेल ने जोर देकर कहा कि फेड के अधिकारी और सबूत देखना चाहेंगे कि महंगाई उनके दो फीसदी के लक्ष्य की ओर जा रही है या नहीं। तभी वे इस साल ब्याज कटौती शुरू करेंगे। अगले महीने शुरू होने वाली कंपनियों की आय घोषणा और चुनाव से संबंधित खबरें भी अल्पावधि में बाजार की चाल तय करेंगी।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि मासिक डेरिवेटिव एक्सपायरी और वित्त वर्ष की समाप्ति के कारण बाजार में और उतार-चढ़ाव दिख सकता है। कई वैश्विक आर्थिक आंकड़े भी इस हफ्ते आ सकते हैं जो अनिश्चितता में इजापा कर सकते हैं।

First Published - March 27, 2024 | 10:13 PM IST

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