Nifty50 Outlook: ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितताओं के बीच भारतीय शेयर बाजार का प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी-50 इस साल के अंत तक 26,889 के लेवल तक पहुंच सकता है। ब्रोकरेज फर्म PL Capital के एनालिस्ट्स के अनुसार, घरेलू मांग में तेजी के चलते आने वाले समय में घरेलू क्षेत्र की कंपनियां बाजार को आगे बढ़ा सकती हैं। वे अगले 12 महीनों में निफ्टी50 इंडेक्स में 6.5% की बढ़त की उम्मीद कर रहे हैं।
ब्रोकरेज ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय शेयर बाजार ने बीते कुछ महीनों में कई बड़े घटनाक्रमों के बावजूद मजबूती दिखाई है। अब बाजार ने वैश्विक उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनाव को अपनाना सीख लिया है।
देश के मोर्चे पर वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर (Capital Expenditure) में अच्छी तेजी देखी गई है। अप्रैल और मई में इसमें क्रमशः 61% और 39% की बढ़त हुई। डिफेन्स सेक्टर में भी ऑर्डरिंग और खर्च में बढ़त दिख रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, आरबीआई की तरफ से आगे चलकर की जाने वाली मौद्रिक सहजता (monetary easing) से सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी और कर्ज देने की रफ्तार भी तेज हो सकती है। एनालिस्ट्स का मानना है कि अब सबकी निगाहें कंज्यूमर डिमांड की वापसी पर टिकी हैं। एनालिस्ट्स इन क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियों के शेयरों को प्राथमिकता दे रहे हैं। सामान्य मानसून, कम फूड इन्फ्लेशन और बजट में टैक्स कटौती जैसे कारक भी मांग को सहारा दे सकते हैं। हालांकि, पहली तिमाही में कंपनियों के नतीजे अब तक मिले-जुले रहे हैं। लेकिन त्योहारों का मौसम और मानसून की स्थिति देशभर में मांग की वापसी में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
ब्रोकरेज हाउस ने निफ्टी50 के लिए 12 महीने का टारगेट 26,889 तय किया है। यह बुधवार के क्लोजिंग लेवल से 6.7 फीसदी ऊपर है। पहले यह लक्ष्य 25,521 था। रिपोर्ट के अनुसार, फार्मा, चुनिंदा कंज्यूमर स्टेपल्स, बैंकिंग, कैपिटल गुड्स, डिफेंस और पावर सेक्टर निकट भविष्य में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। वहीं, बुल केस (सकारात्मक) स्थिति में निफ्टी 28,957 तक भी जा सकता है।
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वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में 1 लाख करोड़ रुपये की इनकम टैक्स राहत से शहरी और ग्रामीण कंजम्प्शन को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। यह राहत खासकर उन 5.65 करोड़ टैक्सपेयर्स को फायदा पहुंचाएगी जिनकी सालाना आय 8 लाख से 24 लाख रुपये के बीच है।
फिलहाल इस टैक्स राहत का असर धीरे-धीरे दिख रहा है। लेकिन पीएल कैपिटल का मानना है कि आगामी त्योहारों के सीजन में कंजम्प्शन में तेजी आ सकती है। इस दौरान महंगाई में नरमी और सामान्य मानसून भी ग्राहकों के मूड को बेहतर बनाएंगे।
पीएल कैपिटल का अनुमान है कि इस टैक्स बचत से वित्त वर्ष 2025-26 में करीब 3.3 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त खपत हो सकती है। इसका फायदा खास तौर पर ट्रैवल, होम अपग्रेड और लाइफस्टाइल जैसे डिस्क्रेशनरी सेगमेंट्स को मिलेगा।
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ब्रोकरेज का कहना है कि बिल्डिंग मटेरियल, ड्यूरेबल्स, फार्मा और ट्रैवल सेक्टर में मार्जिन में गिरावट देखने को मिल सकती है। वहीं, सीमेंट, मेटल्स, ऑयल एंड गैस, EMS और टेलीकॉम सेक्टर में मार्जिन में जोरदार बढ़ोतरी संभव है। शहरी मांग अब भी सुस्त बनी हुई है। जबकि ग्रामीण खपत स्थिर है। शादी के सीजन ने ज्वेलरी और टू-व्हीलर की बिक्री को सहारा दिया है। वहीं शुरुआती बारिशों से ड्यूरेबल्स की मांग प्रभावित हुई है।
कैपिटल गुड्स और डिफेंस सेक्टर को सरकारी खर्च में तेजी से समर्थन मिला है। बैंकों पर कर्ज देने का दबाव है, लेकिन ब्याज दर और CRR में कटौती से मार्जिन को राहत मिल सकती है। पीएल कैपिटल (PL Capital) के अनुसार, EMS, AMC और कमोडिटी सेक्टर में मुनाफे की अच्छी ग्रोथ देखी जाएगी। जबकि IT, कंज्यूमर, फार्मा और ट्रैवल सेक्टर में सीमित लाभ ही रहने की संभावना है।
ब्रोकरेज का मानना है कि घरेलू फोकस वाले सेक्टर बाजार की अगली रैली में अहम भूमिका निभाएंगे। ब्रोकरेज ने बैंकिंग, हेल्थकेयर, कंज्यूमर, टेलीकॉम और कैपिटल गुड्स सेक्टर में ओवरवेट पोजिशन ले रखी है। वहीं, आईटी सर्विसेज, सीमेंट, मेटल्स और ऑयल एंड गैस सेक्टर पर उसका रुख अंडरवेट बना हुआ है।
बड़ी कंपनियों में पीएल कैपिटल को ICICI बैंक, भारती एयरटेल, हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स, ITC, टाइटन और कोटक महिंद्रा बैंक पर भरोसा है। मिड और स्मॉल कैप स्पेस में KEI इंडस्ट्रीज़, एस्ट्रल लिमिटेड और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज़्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) को टॉप चॉइस के रूप में शामिल किया गया है।