अगर आप फ्यूचर एंड ऑप्शन्स (F&O) के जरिये स्टॉक्स के डेरिवेटिव में पोजिशन लेते हैं तो इनके लॉट साइज में आने वाले कुछ महीनों में घट-बढ़ देखने को मिलेगी। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने आज यानी शुक्रवार को 54 डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए (derivative contracts) लॉट साइज को रिवाइज किया है, जबकि बाकी 128 स्टॉक्स के लिए लॉट साइज में कोई भी बदलाव नहीं किया है। जिन डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के लॉट साइज को रिवाइज किया गया है उसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), अदाणी पोर्ट्स (Adani Ports), लॉर्सन एंड टुब्रो (L&T) और अदाणी फैमिली की अंबुजा सीमेंट्स (Ambuja Cements) शामिल है।
लॉट साइज किसी स्टॉक या इंडेक्स के शेयरों की फिक्स्ड नंबर को दर्शाता है जिसके लिए फ्यूचर ऐंड ऑप्शन्स (F&O) कॉन्ट्रैक्ट का ट्रेड किया जाता है।
उदाहरण के लिए, अगर लॉट का आकार 100 है, तो केवल उसी गुणक (multiple) में कॉन्ट्रैक्ट का ट्रेड किया जा सकता है। लॉट की साइज स्टॉक प्राइस, लिक्विडिटी और रिस्क के आधार पर तय की जाती है।
एक्सचेंज ने 42 शेयरों के वायदा और विकल्प अनुबंधों (futures and options contracts ) के लिए लॉट साइज को मौजूदा लॉट साइज (current lot sizes) से आधा कर दिया है। मई या उसके बाद की एक्सपायरी के लिए रिवाइज्ड लॉट साइज 26 अप्रैल से प्रभावी होगी।
छह अन्य कंपनियों के लॉट साइज को रिवाइज करते हुए घटा दिया गया है, लेकिन ये कटौती अलग-अलग रेंज में हैं और जुलाई और उसके बाद की एक्सपायरी के लिए प्रभावी होंगी। इनमें टाटा मोटर्स (Tata Motors), टाटा पावर (Tata Power), बजाज ऑटो (Bajaj Auto), ग्रासिम (Grasim) , गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) और PFC शामिल हैं।
जिन छह शेयरों का लॉट साइज बढ़ाई गई है उनमें बंधन बैंक (Bandhan Bank), अतुल (Atul), ज़ी एंटरटेनमेंट (Zee Entertainment), डालमिया भारत(Dalmia Bharat), नवीन फ्लोरीन (Navin Fluorine) और पॉलीकैब इंडिया (Polycab India) शामिल हैं। ये रिवाइज्ड लॉट साइज जुलाई और उसके बाद की एक्सपायरी वाले कॉन्ट्रैक्ट्स पर भी लागू किए जाएंगे।
एक्सचेंज ने कहा कि बदलाव भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के दिशानिर्देशों के अनुसार किया गया है।
NSE ने गुरुवार यानी 28 मार्च को जारी एक सर्कुलर में कहा, ’13 जुलाई 2015 के सेबी सर्कुलर में निर्दिष्ट डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स (specified derivatives contracts) के लिए लॉट साइज के आवधिक संशोधन (periodic revision ) के लिए सेबी गाइडलाइन्स को पालन करते हुए, डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट्स के मार्केट लॉट को रिवाइज किया जाएगा।’ बता दें कि NSE पर 182 डेरिवेटिव्स कॉन्ट्रैक्ट्स हैं। इनके लॉट साइज में समय-समय पर बदलाव किया जाता रहता है।
अपनी अर्ध-वार्षिक समीक्षा (half-yearly review) में, एक्सचेंज ने SME (small medium enterprises) प्लेटफॉर्म पर 75 शेयरों के लॉट साइज को भी घटा दिया है, जहां छोटी और मध्यम कंपनियों का कारोबार होता है। ये बदलाव 29 अप्रैल से प्रभावी होंगे। 216 SME सिक्योरिटीज के लॉट साइज को बिना किसी बदलाव के बरकरार रखा गया है।
NSE के पास SME के लिए एक अलग प्लेटफॉर्म है जिसे एनएसई इमर्ज (NSE Emerge) कहा जाता है।