भारत के मिडकैप शेयरों के प्रदर्शन को ट्रैक करने वाले निफ्टी मिडकैप 150 इंडेक्स में इस सितंबर में बड़ा फेरबदल होने वाला है। पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास ने कहा है कि 150 कंपनियों वाले इस इंडेक्स में 11 बदलावों का अनुमान है जिससे लगभग 1,800 करोड़ रुपये मूल्य के राउंड-ट्रिप सौदों (एक में बिकवाली, दूसरे में खरीद) को बढ़ावा मिलेगा। लेकिन इस इंडेक्स से जुड़े सक्रिय रूप से प्रबंधित फंडों की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) 3.8 लाख करोड़ रुपये हैं जिन्हें देखते हुए वास्तविक बदलाव ज्यादा बड़ा हो सकता है।
इसमें आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस, डाबर इंडिया, स्विगी, हीरो मोटोकॉर्प और एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज जैसी कंपनियों के शामिल होने की संभावना है। इस बीच ओला इलेक्ट्रिक, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स और स्टार हेल्थ इंश्योरेंस को हटाया जा सकता है।
हीरो मोटोकॉर्प और इंडसइंड बैंक निफ्टी 50 सूचकांक से बाहर होने पर निफ्टी मिडकैप 150 में आ सकते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ, डाबर और स्विगी का प्रवेश निफ्टी नेक्स्ट 50 से संभावित निष्कासन से जुड़ा है। इसके परिणामस्वरूप, निफ्टी मिडकैप 150 में निवेश उच्च-स्तरीय सूचकांकों (जो बड़ी एयूएम को नियंत्रित करते हैं) से उनके निकाले जाने से होने वाले बिक्री दबाव की सिर्फ आंशिक रूप से भरपाई कर सकता है।
निफ्टी मिडकैप 150 के मौजूदा शेयरों में शामिल मैक्स हेल्थकेयर इंस्टीट्यूट को निफ्टी 50 में शामिल किए जाने की संभावना है। सोलर इंडस्ट्रीज इंडिया, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया निफ्टी नेक्स्ट 50 में शामिल किए जाने के लिए दावेदार हैं। हालांकि निफ्टी मिडकैप 150 से बाहर निकलने के कारण इन शेयरों को पैसिव फंडों से निकासी का सामना करना पड़ेगा, लेकिन निफ्टी 50 या नेक्स्ट 50 में शामिल किए जाने से होने वाला निवेश इन नुकसान से अधिक होने की उम्मीद है।
आमतौर पर किसी इंडेक्स में जोड़े गए शेयर हटाए गए शेयरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करते हैं। निफ्टी मिडकैप 150 के सितंबर पुनर्संतुलन की समीक्षा अवधि 1 फरवरी से 31 जुलाई तक चली। एनएसई सूचकांक 1 सितंबर को इन बदलावों की घोषणा करेगा, जिन पर अमल 29 सितंबर को बाजार बंद होने के बाद होना है।