पिछले हफ्ते दो सख्त संकेत मिले कि माइक्रोकैप निवेश बाजार की सबसे कम निगरानी वाले घेरों में से एक है और निवेशकों को सावधानी से आगे बढ़ना चाहिए। सबसे पहले 84 करोड़ रुपये से कम के बाजार पूंजीकरण वाली जीकेबी ऑप्थाल्मिक्स की वर्चुअल सालाना आम बैठक की तीन मिनट की क्लिप आई, जिसमें एक शेयरधारक (जिसके पास एक सिर्फ शेयर है) ने दशकों के अनुभव के बावजूद सुस्त प्रदर्शन और प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले प्रदर्शन के लिए प्रबंधन की कड़ी आलोचना की।
उसी दिन भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड के अध्यक्ष तुहिन कांत पांडेय ने म्युचुअल फंडों को माइक्रोकैप शेयरों में अत्यधिक निवेश और इलिक्विड, कमजोर गुणवत्ता वाले ऋण की अत्यधिक खरीदारी के खिलाफ चेताया।
एवेंडस स्पार्क इंस्टिट्यूशनल इक्विटीज़ क्लीन साइंस ऐंड टेक्नॉलजी ब्लॉक ट्रेड संभावित विध्वंसकारी गलती से बाल-बाल बच गया, क्योंकि निवेश बैंकर खरीदार और विक्रेता दोनों की भूमिका निभा रहा था। इनपुट से जुड़ी एक गलती के कारण कंपनी के 24 फीसदी के बजाय 30 फीसदी से कुछ अधिक की बिक्री हुई।
चूंकि यह सौदा खुले बाजार में हुआ था, इसलिए अतिरिक्त 6 फीसदी हिस्सेदारी किसी तीसरे पक्ष द्वारा अधिग्रहित की जा सकती थी, जिससे इसे रद्द करना लगभग असंभव हो जाता और एवेंडस स्पार्क को प्रवर्तक बूब परिवार के साथ मुकदमेबाजी का सामना करना पड़ता। चूंकि एवेंडस स्पार्क ने लेन-देन के दोनों पक्षों को नियंत्रित किया था, इसलिए इसने तुरंत एक मिलान खरीद आदेश के साथ इस बड़ी बिक्री को निष्प्रभावी कर दिया।
एक्सचेंज के आंकड़े दर्शाते हैं कि 322.1 करोड़ शेयर (30.32 फीसदी) पहले बेचे गए और फिर दोबारा खरीदे गए। बाद में 254.8 करोड़ शेयरों (23.98 फीसदी) का एक संशोधित आदेश 1,080 रुपये प्रति शेयर पर निष्पादित किया गया, जिससे 2,750 करोड़ जुटाए गए। हालांकि एवेंडस स्पार्क या बूब्स को व्यापारिक नुकसान नहीं हुआ, फिर भी स्टॉक एक्सचेंज निवेश बैंकर पर जुर्माना लगा सकता है।
बाजार नियामक सेबी शेयर बाजार की शिक्षा देने वाले व्यक्तियों का समर्थन करता है। हालांकि शिक्षा और विशिष्ट सलाह या शेयर संबंधी सुझाव देने के बीच की रेखा अक्सर धुंधली हो जाती है। सेबी ने पहले भी इस सीमा का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की है। इस महीने की शुरुआत में सेबी ने अवधूत साठे (जो एक स्वयंभू सफल ट्रेडर हैं और लोगों का मार्गदर्शन करते हैं) से संबंधित तलाशी अभियान चलाया।
सोशल मीडिया पर प्रसारित एक वीडियो में साठे कर्जत आवासीय शिक्षण केंद्र में सेबी के दौरे की पुष्टि करते हुए विद्रोही भाव में दिखाई दिए। उन्होंने कहा, हम कोई सलाहकार सेवाएं प्रदान नहीं करते हैं। हम अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं और निर्धारित समय पर कार्यक्रम और सत्र आयोजित करते रहेंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।