Metal Stocks: जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा (Nomura) ने भारत के स्टील सेक्टर पर बुलिश रुख अपनाया है। ब्रोकरेज ने 2 मेटल स्टॉक जेएसडब्ल्यू स्टील (JSW Steel) और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड (JSPL) को खरीदने की सलाह देते हुए टॉप पिक बनाया है।
स्टील की कीमतों में वृद्धि और स्टील के आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी (Safeguard duty) लगने की संभावना को देखते हुए नोमुरा इन दोनों स्टॉक्स पर अपनी BUY रेटिंग को बरक़रार रखा है। नोमुरा ने जेएसडब्ल्यू स्टील पर 1,220 रुपये और जिंदल स्टील एंड पावर पर 1,080 रुपये का टारगेट प्राइस रखा है। इस तरह से स्टॉक भविष्य में क्रमश: 15% और 18% का अपसाइड दिखा सकते हैं।
पिछले एक महीने में जेएसडब्ल्यू स्टील और जेएसपीएल के शेयरों में क्रमश: 3 फीसदी और 8 फीसदी की उछाल आया है। जबकि निफ्टी मेटल इंडेक्स (Nifty Metal Index) में भी इसी अवधि में करीब 3.5 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
नोमुरा के एनालिस्ट जशनदीप सिंह चड्ढा ने बताया कि भारत भर में घरेलू हॉट-रोल्ड कॉइल (HRC) की कीमतें वीकली बेसिस पर 1600 रुपये प्रति टन तक बढ़कर 48,100-50,500 रुपये प्रति टन हो गई हैं। कच्चे माल की कमी और आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाए जाने की संभावना को लेकर बढ़ती अटकलों के चलते स्टील की कीमतों में तेजी आई है।
चड्ढा का मानना है कि इम्पोर्ट पर सेफगार्ड ड्यूटी की संभावना घरेलू बाजारों में हलचल मचा दी है। दरअसल भारत का इस्पात मंत्रालय स्टील के आयात पर सेफगार्ड ड्यूटी लगाई जानी चाहिए या नहीं इस पर विचार कर रहा है।
बिगमिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, “कुछ मिल्स (Mills) अपनी सूची कीमतों में 1,500 रुपये प्रति टन की वृद्धि करने पर विचार कर रही हैं, लेकिन सेफगार्ड ड्यूटी को लेकर तस्वीर क्लियर होने का इंतजार कर रही हैं।”
स्टील मिनिस्ट्री ने आयात बढ़ने से घरेलू इस्पात उद्योग को होने वाले नुकसान का आकलन करने के लिए दिसंबर 2024 में जांच शुरू की थी। हालांकि, जांच में छह महीने तक का समय लग सकता है। इंडस्ट्री के कई जानकारों का अनुमान है कि सरकार वित्त वर्ष 2015-16 में लागू किए गए सुरक्षा शुल्क के समान एक प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी लगा सकती है।
वित्त वर्ष 2015-16 में एंटी-डंपिंग जांच के दौरान सरकार ने 200 दिनों की अवधि के लिए हॉट-रोल्ड कॉइल आयात पर 20 प्रतिशत सुरक्षा शुल्क लगाया था। जब जांच पूरी हो गई, तो शुल्क हटा दिया गया और वित्त वर्ष 2017 में चीन से स्टील आयात पर एंटी-डंपिंग शुल्क (ADD) लगाया गया। इसे देखते हुए मौजूदा स्थिति में कई जानकारों का मानना है कि अल्पावधि में एक प्रोविजनल सेफगार्ड ड्यूटी लगाई जा सकती है।
एंटी-डंपिंग ड्यूटी की तुलना में सुरक्षा शुल्क अधिक आकर्षक इसलिए है क्योंकि यह सभी आयातों पर लागू होता है। इसमें जापान और दक्षिण कोरिया जैसे मुक्त व्यापार समझौते (FTA) वाले देश भी शामिल हैं। इन दोनों देशों का साल 2024 में भारत के स्टील आयात में 51 प्रतिशत हिस्सा था। इसकी तुलना में चीन का हिस्सा 30 प्रतिशत था।
नोमुरा के एनालिस्ट्स ने कहा कि चूंकि सेफगार्ड ड्यूटी वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन (WTO) के प्रावधानों के तहत आती है। इसलिए इसे लागू करना ज्यादा आसान है।
भारतीय स्टील सेक्टर पर नोमुरा का पॉजिटिव रुख इस विश्वास को दर्शाता है कि यदि सेफगार्ड ड्यूटी लगाई जाती है, तो इससे घरेलू स्टील की कीमतों और कंपनी की कमाई को बड़ा समर्थन मिल सकता है।
नोमुरा का मानना है कि सेफगार्ड ड्यूटी और स्टील की बढ़ती कीमतें आने वाले महीनों में भारत के स्टील निर्माताओं को ग्रोथ की मजबूती स्थिति में ला सकती हैं।
(डिस्क्लेमर: यहां शेयर में खरीदारी की सलाह ब्रोकरेज ने दी है। बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)