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Closing Bell: शेयर बाजार में कत्ले आम! निवेशकों को ₹8 लाख करोड़ का लगा चूना, ये कारण बने ‘विलेन’

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty 50) भी 352.55 अंक या 1.48% प्रतिशत फिसलकर 23,530.90 के लेवल पर क्लोज हुआ।

Last Updated- November 13, 2024 | 5:21 PM IST
stock market crash

Closing Bell: भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा और दोनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी एक बार फिर बड़ी गिरावट लेकर बंद हुए।

इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाले एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank), रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में गिरावट और विदेशी निवेशकों की लगातार जारी बिकवाली के चलते बाजार नीचे आया। साथ ही रिटेल इन्फ्लेशन के 6 प्रतिशत के पार पहुंचने से निवेशकों के सेंटीमेंट पर नेगेटिव असर पड़ा है।

तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) आज गिरावट के साथ 78,495.53 अंक पर खुला। कारोबार के दौरान यह 77,533.30 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया था। अंत में सेंसेक्स 984.23 अंक या 1.25%की बड़ी गिरावट लेकर 77,690.95 के स्तर पर बंद हुआ।

इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी-50 (Nifty 50) भी 352.55 अंक या 1.48% प्रतिशत फिसलकर 23,530.90 के लेवल पर क्लोज हुआ। निफ्टी की 46 कंपनियों के शेयर जहां लाल निशान में बंद हुए वहीं सिर्फ 4 के शेयर हरे निशान में रहने में कामयाब हुए।

टॉप लूजर्स

सेंसेक्स की 30 कंपनियों में टाटा स्टील सबसे ज्यादा 3.40% गिरकर बंद हुआ। इसके अलावा महिंद्रा एंड महिंद्रा, अदाणी पोर्ट्स, जेएसडब्ल्यू स्टील, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया, इंडसइंड बैंक, एचडीएफसी बैंक, कोटक बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, बजाज फाइनेंस के शेयर प्रमुख रूप से गिरावट में रहे।

टॉप गेनर्स

दूसरी तरफ, एनटीपीसी का शेयर 0.21% चढ़कर बंद हुआ। इसके अलावा टाटा मोटर्स (Tata Motors) और इन्फोसिस के शेयर ही हरे निशान में रहने में कामयाब रहे।

शेयर बाजार में गिरावट के 4 बड़े कारण

1. खाने-पीने के सामान की कीमतों में तेजी से अक्टूबर में रिटेल महंगाई (Retail Inflation) बढ़कर 6.2 फीसदी पर पहुंच गई जो 14 महीने में सबसे अ​धिक है। महंगाई में वृद्धि से निवेशकों की ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदों को झटका लगा है।

2. इसके अलावा देसी कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे निवेशकों की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे हैं जिससे बाजार नीचे आया है।

3. तीसरा बड़ा कारण विदेशी निवेशकों की बिकवाली है, जो लगातार भारतीय शेयर बाजारों से पैसा निकल रहे हैं और चीन के शेयर बाजार में लगा रहे हैं।

4. इसके अलावा इंडेक्स में हैवी वेटेज रखने वाली एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट ने भी बाजार को नीचे की तरफ खींचा।

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2025 की दिसंबर तिमाही में मौद्रिक नीति समिति के 4.8 फीसदी के अनुमान से कम से कम 60-70 आधार अंक अधिक रह सकती है। ऐसे में दिसंबर की बैठक में दर में कटौती की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हमारा अनुमान है कि अगले साल फरवरी या उसके बाद दर में 50 आधार अंक की कटौती की गुंजाइश बन सकती है।’

बाजार में निवेशकों को 8 लाख करोड़ रुपये का घाटा

शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट के साथ बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप (Mcap) 6.79 लाख करोड़ रुपये घटकर 4,30,45,534 करोड़ रुपये रह गया।

First Published - November 13, 2024 | 3:44 PM IST

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