Market This Week: भारतीय शेयर बाजारों में गुरुवार (14 अगस्त) को ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं दिखा और वे लगभग सपाट बंद हुए। हालांकि, बाजार ने कोविड महामारी के बाद की सबसे लंबी वीकली गिरावट का सिलसिला तोड़ दिया। बैंकिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर के दिग्गज शेयरों में आई तेजी ने इस रिकवरी को सहारा दिया।
इस सुधार का एक बड़ा कारण विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) की शॉर्ट कवरिंग भी रहा, जिन्होंने हाल ही में मंदी पर भारी दांव लगाए थे। पिछले सप्ताह उनके शॉर्ट पोजीशन कई वर्षों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे, जिससे बाजार में कुछ तेजी लौटती दिखी।
इस वीक (11 से 15 अगस्त) बेंचमार्क इंडेक्स में इस सप्ताह लगभग 1 फीसदी की वृद्धि हुई। इससे लगातार छह सप्ताह की गिरावट टूट गई – जो अप्रैल 2020 के बाद से उनकी सबसे लंबी गिरावट थी। भारतीय बाजार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर शुक्रवार को बंद रहे।
बाजार के जानकारों का कहना है कि इस बढ़त के बावजूद निवेशक यूक्रेन युद्ध की समाप्ति के लिए 15 अगस्त को अलास्का में होने वाली रूस और अमेरिका की अहम शिखर बैठक से पहले सतर्क बने हुए हैं। बातचीत सफल होने पर अमेरिका की तरफ से भारतीय वस्तुओं पर लगाए गए सेकंडरी शुल्क हटाए जा सकते हैं। ये शुल्क रूस से भारत के तेल आयात करने पर लगाए गए थे। हालांकि, अगर यह बातचीत विफल होती है तो भारत पर अमेरिका और ज्यादा टैरिफ लगा सकता है।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च प्रमुख विनोद नायर के अनुसार, ”उतार-चढ़ाव भरे साप्ताहिक एक्सपायरी वाले कारोबारी सेशन के बाद भारतीय शेयर बाजार सपाट बंद हुए। निवेशक भी अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन से पहले सतर्कता बरत रहे थे। अमेरिका में मुद्रास्फीति के कमजोर आंकड़ों और नरम रुख के कारण आईटी और दवा कंपनियों के शेयरों में तेजी आई।”
रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट (रिसर्च) अजित मिश्र ने कहा, ”मौजूदा रुझान दर्शाते हैं कि बाजारों ने हाल की नकारात्मक खबरों को काफी हद तक पचा लिया है और अब रिकवरी के लिए संकेतकों का इंतजार कर रहे हैं। विभिन्न सेक्टरों के दिग्गज शेयरों में ज्यादा बिकवाली इस संभावना का समर्थन करती है। निफ्टी का 24,800 के ऊपर निर्णायक तौर पर पहुंचना नई गति को जन्म दे सकता है अन्यथा एक दायरे में मजबूती बरकरार रहेगी। निवेशकों को जोखिम प्रबंधन पर ध्यान देते हुए शेयर विशेष में ट्रेडिंग जारी रखनी चाहिए।”
इस हफ्ते 16 में से 14 प्रमुख सेक्टर में बढ़त देखने को मिली। स्मॉल-कैप में 0.7% और मिड-कैप में 0.9% की तेजी दर्ज की गई। फार्मा और आईटी कंपनियों के शेयरों में क्रमशः 3.5% और 1.3% की बढ़त हुई। इन कंपनियों की आमदनी का बड़ा हिस्सा अमेरिका से आता है। अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ युद्ध में राहत और अमेरिका में नरम महंगाई आंकड़ों से निवेशकों में भरोसा लौटा।
हालांकि, निवेशक अभी भी सतर्क हैं। 15 अगस्त को अलास्का में रूस और अमेरिका के बीच अहम शिखर सम्मेलन होना है। इसका असर भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर भी पड़ सकता है। अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने चेतावनी दी है कि अगर वार्ता विफल होती है, तो भारत समेत कई देशों पर नए प्रतिबंध या सेकेंडरी टैरिफ लगाए जा सकते हैं। अमेरिका ने पहले ही भारत के रूसी तेल खरीदने को लेकर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। इससे कुल शुल्क 50% हो गया है।
प्रमुख शेयरों में अपोलो हॉस्पिटल्स (Apollo Hospitals) के शेयरों में इस वीक 10.4 फीसदी की तेजी आई। मज़बूत तिमाही नतीजों के बाद लगभग चार वर्षों में शेयर में यह सबसे अच्छी बढ़त है।
निवेशकों को इस हफ्ते बाजार में 3.17 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का फायदा हुआ है। बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप इस हफ्ते (11 अगस्त-15 अगस्त) को बढ़कर 444,78,611 करोड़ रुपये रह गया। यह पिछले हफ्ते शुक्रवार (8 अगस्त) को यह 441,61,186 करोड़ रुपये था। इस तरह, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप साप्ताहिक आधार पर 317,425 करोड़ रुपये बढ़ा है।