सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) दिग्गज इन्फोसिस ने वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में अनुमान से बेहतर नतीजे दर्ज किए हैं। इसके बाद इस शेयर को कई ब्रोकरों से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है। चूंकि टेक फर्म ने अपने राजस्व अनुमान के निचले स्तर को ही बढ़ाया है, इसलिए विश्लेषकों का कहना है कि इसकी वजह बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताएं हैं।
बेंगलूरु की इस कंपनी का शुद्ध लाभ 6,921 करोड़ रुपये रहा जो तिमाही आधार पर 1.6 प्रतिशत की गिरावट है। तिमाही आधार पर कंपनी का राजस्व 3.3 प्रतिशत बढ़कर 42,279 करोड़ रुपये हो गया। दोनों ही आंकड़े ब्लूमबर्ग के अनुमानों से बेहतर हैं क्योंकि उसके विश्लेषकों ने 6,778 करोड़ का शुद्ध लाभ और 41,724 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान जताया था।
दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सेवा प्रदाता ने अपने अनुमान के निचले दायरे को शून्य वृद्धि (पिछले अनुमान) के मुकाबले बढ़ाकर 1 फीसदी कर दिया है। मुख्य वित्तीय अधिकारी जयेश संघराजका ने कहा कि 3.8 अरब डॉलर के मजबूत सौदों ने कंपनी को निचले स्तर पर अनुमान बढ़ाने में मदद की है। आईटी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी के लिए वित्तीय सेवाओं और निर्माण (जिनका राजस्व में क्रमशः 28 प्रतिशत और 16 प्रतिशत योगदान था) में 5.6 प्रतिशत और 12.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई। निर्माण क्षेत्र में कंपनी के लिए वृद्धि ऐसे समय में खास रही जब अन्य कंपनियों को टैरिफ की आशंकाओं के कारण अपने राजस्व में भारी गिरावट का सामना करना पड़ा था।
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के अनुसार इन्फोसिस ने पहली तिमाही में शानदार नतीजे दर्ज किए हैं और स्थिर मुद्रा में उसका राजस्व अनुमान से काफी बेहतर रहा है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि इन्फोसिस ने आकार और गुणवत्ता दोनों ही मामलों में ठोस वृद्धि दर्ज की। हालांकि अनुमान में सुधार मामूली था। लेकिन मौजूदा व्यापक अनिश्चितताओं को देखते हुए यह उचित लग रहा है।
नुवामा ने अपनी ‘खरीदें’ रेटिंग बरकरार रखी है और शेयर के लिए कीमत लक्ष्य को पहले के 1,700 रुपये से बढ़ाकर 1,850 रुपये कर दिया है।