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SEBI के आदेश के बाद संकट में IndusInd Bank की कार्यकारी समिति, अनिल राव को पद छोड़ना पड़ सकता है

रोजमर्रा के प​रिचालन प्रबंधन के लिए ‘कार्यकारी समिति’ में अनिल राव के रहने पर सबकी नजर

Last Updated- May 29, 2025 | 9:48 PM IST
IndusInd Bank

इंडसइंड बैंक को अब अपनी ‘कार्यकारी समिति’ को दुबारा गठित करना पड़ सकता है। समिति में मौजूद अनिल मार्को राव का नाम बैंक के शेयरों की इनसाइडर ट्रेडिंग पर सेबी के अंतरिम आदेश में आया है। अनिल राव इंडसइंड बैंक के चीफ एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर-कंज्यूमर बैंकिंग ऑपरेशंस हैं और मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) सुमंत कठपालिया के इस्तीफे के बाद रोजाना के कामकाज के प्रबंध के लिए बनाई गई कार्यकारी समिति में हैं। समिति में उनके साथ सुशांत सौरव भी हैं जो हेड-ट्रेजरी ऑपरेशंस हैं।

यह व्यवस्था बोर्ड के चेयरमैन सुनील मेहता की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति (ओसी) के तहत बैंक के मामलों की देखरेख के लिए तब तक के लिए की गई थी जब तक कि कोई नया एमडी और सीईओ कार्यभार नहीं संभाल लेता। निगरानी समिति में ऑडिट कमेटी के प्रमुख, कंपनसेशन, नॉमिनेशन ऐंड रेमुनरेशन कमेटी और रिस्क मैनेजमेंट कमेटी के प्रमुख भी थे।

सेबी ने बुधवार को कठपालिया, अरुण खुराना (पूर्व कार्यकारी निदेशक और उप मुख्य कार्या​धिकारी), सुशांत सौरव (हेड ऑफ ट्रेजरी ऑपरेशंस), रोहन जठाना (हेड ऑफ ग्लोबल मार्केट्स ग्रुप) के साथ-साथ राव को प्रतिभूति बाजार में ट्रेडिंग करने से रोक दिया था। इन पर 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की अकाउंटिंग गड़बड़ियों से जुड़ी इनसाइडर ट्रेडिंग के आरोप हैं। अपने आदेश में पूंजी बाजार नियामक ने कहा कि इन व्यक्तियों ने अप्रका​शित कीमत संवेदी जानकारी अपने पास होने के दौरान बैंक के शेयरों में कारोबार किया था।

इंडसइंड बैंक और भारतीय रिजर्व बैंक दोनों को ‘कार्यकारी समिति’ में राव के बने रहने पर भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। सूत्रों ने बताया कि हालांकि सेबी का यह अंतरिम आदेश है। लेकिन इसकी संभावना नहीं है कि बैंकिंग नियामक राव को लेकर पुनर्गठन के बारे में बैंक से नहीं कहेगा और उन्हें अपने मौजूदा पद से इस्तीफा भी देना पड़ सकता है।

यह भी संभव है कि बैंक में संचालन की कमी उजागर करने वाले मुद्दे सामने आने के बाद आरबीआई के 4 नवंबर, 2019 के वे सख्त दिशानिर्देश लागू किए जाने के आसार हैं जो पूर्णकालिक निदेशकों, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों, मटेरियल रिस्क टेकर्स और कंट्रोल फंक्शन स्टाफ के मुआवजे से संबंधित हैं। केंद्रीय बैंक ने कहा था कि उसका 4 नवंबर, 2019 का सर्कुलर केवल 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले या उसके बाद के वेतन चक्रों के लिए लागू होगा, यह क्लॉबैक के माध्यम से पिछली गलतियों पर कार्रवाई कर सकता है।

First Published - May 29, 2025 | 9:44 PM IST

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