एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज ने शेयर बाजारों में अच्छी शुरुआत की। इसके शेयरों में निर्गम मूल्य के मुकाबले 13 फीसदी से अधिक की तेजी आई। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) के शेयर 740 रुपये के निर्गम मूल्य से 100.3 रुपये यानी 13.55 फीसदी की तेजी के साथ 840.3 रुपये पर बंद हुए। एनएसई और बीएसई दोनों पर 7,400 करोड़ रुपये से अधिक के शेयरों का कारोबार हुआ। कंपनी के शेयर ने कारोबार के दौरान 827 रुपये के निचले स्तर और 851 रुपये के उच्च स्तर को छुआ।
कारोबार के अंत में एचडीएफसी बैंक की सहायक कंपनी एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज का मूल्यांकन 69,704 करोड़ रुपये रहा जो आईपीओ के दौरान 61,253 करोड़ रुपये था। इस मूल्यांकन के अनुसार कंपनी भारत की आठवीं सबसे मूल्यवान एनबीएफसी है।
कंपनी के 12,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के दौरान संस्थागत निवेशकों की मजबूत मांग के कारण शेयर में खासी वृद्धि हुई। यह इस साल का सबसे बड़ा और भारतीय बाजार में पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ था। आईपीओ को 17 गुना बोलियां मिली थीं और इसे कुल मिलाकर 1.6 लाख करोड़ रुपये की बोलियां हासिल हुईं। इनमें से 80 फीसदी से अधिक बोलियां संस्थागत निवेशकों की ओर से आईं।
आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी हुए जबकि एचडीएफसी बैंक की तरफ से 10,000 करोड़ रुपये के शेयर बेचे गए। एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज इस रकम का इस्तेमाल अपने मुख्य पूंजी आधार को मजबूत बनाने में करेगी जिससे कि वह तेज वृद्धि की राह पर बढ़ सके।
एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज विविधिकृत और अपर लेयर एनबीएफसी है। वह तीन प्रमुख क्षेत्र में कर्ज देती है – उद्यमों को ऋण, परिसंपत्ति के लिए कर्ज और उपभोक्ता कर्ज। 31 मार्च, 2025 तक कुल लोनबुक में जमानती ऋण का हिस्सा 73 फीसदी था। वित्त वर्ष 25 में कंपनी ने करीब 2,180 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया।
कंपनी अभी करीब 1 लाख करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों का प्रबंधन करती है, जो अन्य प्रतिस्पर्धियों जैसे बजाज फाइनैंस (2.75 लाख करोड़ रुपये), चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ऐंड फाइनैंस (1.6 लाख करोड़ रुपये), एमऐंडएम फाइनैंस (1.12 लाख करोड़ रुपये) और श्रीराम फाइनैंस (2.4 लाख करोड़ रुपये) की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों की तुलना में कम है।