भारत में कंपनियों का मुनाफा तो तेजी से बढ़ रहा है मगर जब बात आय में इजाफे की आती है तो देश की शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियां अमेरिका की सूचीबद्ध कंपनियों से पीछे नजर आती हैं। दिसंबर 2023 में समाप्त 12 महीनों के दौरान एसऐंडपी 500 कंपनियों की कुल आय एक साल पहले के मुकाबले 6.2 फीसदी बढ़ी मगर डॉलर में बात करें तो बीएसई 500 सूचकांक में शामिल कंपनियों की कुल आय महज 4.6 फीसदी बढ़ी। इसके विपरीत दिसंबर 2023 तिमाही में एसऐंडपी 500 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ 14.1 फीसदी बढ़ा मगर इसी दौरान बीएसई 500 कंपनियों के कुल शुद्ध लाभ में एक साल पहले के मुकाबले 17.4 फीसदी की वृद्धि हुई।
ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार एसऐंडपी 500 कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ दिसंबर 2023 में समाप्त 12 महीनों के दौरान बढ़कर 1,782.3 अरब डॉलर हो गया, जो एक साल पहले 1,561.5 अरब डॉलर ही था।
इसी अवधि में बीएसई 500 सूचकांक में शामिल भारत की शीर्ष कंपनियों का कुल शुद्ध लाभ एक साल पहले के 119.3 अरब डॉलर से बढ़कर 141.3 अरब डॉलर रहा। दूसरी ओर एसऐंडपी 500 सूचकांक में शामिल कंपनियों की कुल आय दिसंबर 2023 में समाप्त 12 महीनों के दौरान 16,813.4 अरब डॉलर हो गई, जो एक साल पहले 15,835 अरब डॉलर ही थी। इसी दौरान बीएसई 500 सूचकांक में शामिल कंपनियों की कुल आय बढ़कर 1,525.6 अरब डॉलर हो गई, जो एक साल पहले 1,458.1 अरब डॉलर थी।
यह विश्लेषण एसऐंडपी 500 और बीएसई 500 सूचकांक में शामिल कंपनियों के तिमाही राजस्व और मुनाफे पर आधारित है। संबंधित तिमाही में रुपये और डॉलर की औसत विनिमय दर का इस्तेमाल कर भारतीय कंपनियों के आंकड़े डॉलर में बदले गए हैं। चार तिमाहियों के आंकड़े जोड़कर 12 महीने के आंकड़े निकाले गए हैं।
आंकड़े यह भी बताते हैं कि दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका में कोई आम कंपनी भारत में अपनी जैसी कंपनियों से ज्यादा मुनाफा दे रही है। एसऐंडपी 500 कंपनियों का शुद्ध लाभ 2023 में औसतन 10.6 फीसदी रहा।
बीएसई 500 कंपनियों का औसत शुद्ध लाभ मार्जिन इसी दौरान 9.3 फीसदी ही था। मगर वैश्विक महामारी के बाद भारत में कंपनियों का मुनाफा मार्जिन अमेरिकी कंपनियों के मुकाबले तेजी से बढ़ा है। दिसंबर 2020 में समाप्त 12 महीनों के दौरान बीएसई 500 कंपनियों का शुद्ध लाभ मार्जिन 5.2 फीसदी था, जहां से दिसंबर, 2023 तक 410 आधार अंक इजाफा हो गया। एसऐंडपी 500 कंपनियों का शुद्ध लाभ मार्जिन दिसंबर, 2020 में 7.3 फीसदी था, जो अगले तीन साल में 330 आधार अंक ही बढ़ा।
विश्लेषकों का कहना है कि अमेरिका में एसऐंडपी 500 कंपनियों की आय बढ़ने का कारण दमदार उपभोक्ता मांग रही। सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के सह प्रमुख (इक्विटी) एवं अनुसंधान प्रमुख (रणनीति एवं अर्थव्यवस्था) धनंजय सिन्हा कहते हैं, ‘अमेरिका में उपभोक्ता मांग एवं कुल मांग काफी मजबूत है और दमदार श्रम बाजार तथा वेतन में लगातार वृद्धि के कारण 6-7 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है।’
उनका कहना है कि अमेरिका में इस समय उपभोक्ता मांग कोविड से पहले के दौर के मुकाबले अधिक तेजी से बढ़ रही है मगर भारत में में यह कोविड से पहले के मुकाबले कम रही है। भारत में अपेक्षाकृत कमजोर उपभोक्ता मांग ने उपभोक्ता वस्तुओं के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों की आय में वृद्धि सुस्त कर दी है।