भारतीय शेयर बाजार बुधवार को नई ऊंचाई पर पहुंच गए। अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व के अगले साल मार्च में ब्याज दरों में कटौती करने की उम्मीद और मजबूत विदेशी पोर्टफोलियो निवेश से दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी आई है। बीएसई सेंसेक्स ने पहली बार 72,000 अंक का आंकड़ा पार किया और दिन में कारोबार के दौरान 72,120 की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंचा।
कारोबार के अंत में सेंसेक्स 702 अंक या 0.98 फीसदी की उछाल के साथ 72,038 पर बंद हुआ। इसी तरह नैशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 213 अंक या 1 फीसदी की बढ़त के साथ 21,655 पर बंद हुआ। दोनों सूचकांकों ने इंट्रा डे और बंद भाव में रिकॉर्ड बनाए।
दिसंबर में निफ्टी नौ सत्रों में ऊंचाई के नए रिकॉर्ड के साथ बंद हुआ और सेंसेक्स ने आठ सत्रों में ऐसे रिकॉर्ड कायम किए। इंट्रा डे आधार पर देखें तो निफ्टी ने 12 सत्रों में नई ऊंचाई कायम की, जबकि सेंसेक्स ने 10 सत्रों में रिकॉर्ड बनाया।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा अब महंगाई से निपटने में नरमी के संकेत ने यह उम्मीद बढ़ाई है कि अगले साल वहां आक्रामक तरीके से ब्याज दरों में कटौती होगी।
एवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के सीईओ ऐंड्रयू हॉलैंड कहते हैं, ‘अमेरिका में मुद्रास्फीति का कम होना सांता क्लॉज रैली की एक और वजह है। कई विशेषज्ञ बाजार की इस उछाल को लेकर आगाह कर रहे हैं।
कोटक अल्टरनेट ऐसेट मैनेजर्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार जितेंद्र गोहिल कहते हैं, ‘हमारा मानना है कि लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि मूल्यांकन फंडामेंटल से मेल नहीं खा रहे। हालांकि अगले कुछ महीनों में लार्जकैप शेयर बेहतर रिस्क-रिवॉर्ड दे सकते हैं।’