बैंक ऑफ अमेरिका (बोफा) के नए फंड मैनेजर सर्वेक्षण से पता चलता है कि अगस्त में एशियाई बाजारों में निवेशकों की धारणा में बहुत ज्यादा बदलाव आया है। सर्वेक्षण बताता है कि तीन महीने के सुधार के बाद वैश्विक वृद्धि की उम्मीदें कमजोर पड़ रही हैं। यह गिरावट अमेरिका में श्रम बाजार में मंदी, कमजोर खपत और टैरिफ के प्रभाव (खासकर एशियाई अर्थव्यवस्थाओं पर) को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच आई है।
सर्वेक्षण में शामिल 41 प्रतिशत प्रतिभागियों ने अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के कमजोर होने की आशंका जताई है जबकि पिछले महीने 31 प्रतिशत ने इस तरह का अनुमान जताया था। वहीं 31 प्रतिशत ने एशिया में कमजोर वृद्धि की आशंका जताई है जबकि पिछले महीने यह प्रतिशत 26 पर था। इसके बावजूद उत्साह बरकरार है। 10 में से 9 निवेशकों का मानना है कि अगले वर्ष एशिया के शेयर बाजारों (जापान को छोड़कर) में तेजी आएगी और अर्निंग अपग्रेड के पूर्वानुमान मजबूत रहेंगे, क्योंकि आम सहमति के अनुमानों को अति महत्वाकांक्षी नहीं माना जा रहा है।
सबसे बड़ा बदलाव भारत में देखा गया। मई तक एशिया के शेयर बाजारों में सबसे पसंदीदा रहा भारत अब निवेशकों की पसंद सूची में सबसे नीचे चला गया है। इस बदलाव का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा को बताया जा रहा है, जिसमें भारत के रूसी तेल आयात करने पर जुर्माना लगाया गया है। निवेशकों को डर है कि इससे कंपनियों की आय पर असर पड़ेगा और पहले से ही बाजार के महंगे मूल्यांकन पर और दबाव आएगा।
30 फीसदी फंड प्रबंधक अब किसी अन्य एशियाई बाजार के मुकाबले भारत पर ज्यादा अंडरवेट हैं। इसके विपरीत जापान 43 फीसदी ओवरवेट रेटिंग के साथ इस क्षेत्र में पसंदीदा बाजार बना हुआ है। मौजूदा कॉरपोरेट सुधारों, अनुकूल मौद्रिक परिवेश और बैंक ऑफ जापान द्वारा मार्च 2026 तक दर वृद्धि की उम्मीद से जापान के निक्केई 225 स्टॉक एवरेज ने मंगलवार को नया ऊंचा स्तर बनाया।
ताइवान और कोरिया को पीछे छोड़ते हुए चीन दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। उसका आर्थिक वृद्धि का अनुमान पांच महीने के ऊंचे स्तर पर आ गया है। अब केवल 3 प्रतिशत प्रबंधकों को ही दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में कमजोर वृद्धि की उम्मीद है जो पिछले महीने के 10 प्रतिशत के आंकड़े से कम है। लगातार जारी अपस्फीति को रोकने और परिवारों को ऊंची बचत को विवेकाधीन खर्च और निवेश में लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए चीन द्वारा और अधिक नीतिगत उपायों की उम्मीद से इस आशावाद को बल मिला है।
बोफा सर्वेक्षण में जापान को छोड़कर पूरे एशिया में ग्रोथ थीम के लिए स्पष्ट प्राथमिकता दी गई है जिसमें फंड मैनेजरों ने टेक हार्डवेयर, सेमीकंडक्टर, सॉफ्टवेयर और वित्तीय सेवा जैसे सेर्टरों पर अधिक जोर दिया जबकि मैटेरियल, ऑटो, ऊर्जा और रियल एस्टेट से परहेज किया। चीन में, एआई अभी भी पसंदीदा बना हुआ है जबकि भारत में बाजार की गिरावट के बावजूद, इन्फ्रास्ट्रक्चर और खपत संबंधित दांव ऊपर बने हुए हैं।