बाजार

ब्याज दर बढ़ने के डर से लुढ़का बाजार; सेंसेक्स और निफ्टी में 1.5 फीसदी से ज्यादा की गिरावट

सेंसेक्स 928 अंक टूटकर 59,745 पर हुआ बंद, निफ्टी 272 अंक के नुकसान के साथ 17,554 पर बंद

Published by
सुन्दर सेतुरामन
Last Updated- February 22, 2023 | 8:13 PM IST

अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बाजार के अनुमान से ज्यादा दर बढ़ाए जाने की आशंका से दुनिया भर के बाजारों में बिकवाली देखी गई। इसका असर आज देसी बाजार पर भी पड़ा और सेंसेक्स तथा निफ्टी बड़ी गिरावट के साथ बंद हुए। अमेरिका में रोजगार के आंकड़े बेहतर रहने तथा एसऐंडपी यूएस कंपोजिट परचेजिंग मैनेजर्स सूचकांक उम्मीद से अच्छा रहने से इस बात की चिंता बढ़ गई है कि फेडरल रिजर्व दर बढ़ाना बंद करने से पहले इसमें और इजाफा कर सकता है।

बेहतर आ​र्थिक आंकड़ों से 10 वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी का प्रतिफल 2007 के उच्चतम स्तर 3.95 फीसदी पर पहुंच गया। आम तौर पर अमेरिकी बॉन्ड के प्रतिफल और वै​श्विक शेयर बाजार की चाल एक-दूसरे के विपरीत रहती है। मंगलवार को वॉल स्ट्रीट 2 फीसदी से ज्यादा गिरा था, जिसने ए​शियाई बाजारों में भी गिरावट का संकेत दे दिया था।

सेंसेक्स में पिछले एक महीने में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट आज दर्ज की गई। 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 928 अंक टूटकर 59,745 पर बंद हुआ। निफ्टी-50 भी 272 अंक के नुकसान के साथ 17,554 पर बंद हुआ। फेडरल रिजर्व की ओपन मार्केट कमेटी की बैठक का ब्योरा जारी होने से पहले निवेशकों में घबराहट देखी गई, जिससे बिकवाली को बढ़ावा मिला।

अमेरिका के केंद्रीय बैंकरों ने हाल में काफी सतर्कता भरे बयान दिए हैं। इससे चिंता बढ़ी है कि ब्याज दरें अभी उच्चतम स्तर पर नहीं पहुंची हैं। बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने भी निवेशकों की चिंता बढ़ाई है। विश्लेषकों ने कहा कि दर वृद्धि चरम पर पहुंच चुकने की जो उम्मीद लगाई जा रही थी, उस पर पानी फिर गया है और अमेरिकी अर्थव्यवस्था की कठिनाइयों पर चिंता बढ़ गई है।

ताजा आ​र्थिक आंकड़ों को देखते हुए निवेशक अब अमेरिका में ब्याज दरों के 5.3 फीसदी तक पहुंचने का अंदाज लगा रहे हैं जबकि पहले 4.9 फीसदी का अनुमान लगाया गया था। वृद्धि पर सकारात्मक परिदृश्य और मौद्रिक नीति को ज्यादा सख्त किए जाने का मतलब है कि मुद्रास्फीति को काबू में लाने के फेर में आर्थिक वृद्धि को झटका लग सकता है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन द्वारा परमाणु हथियार सीमित करने के लिए अमेरिका के साथ की गई संधि रोकने से भी निवेशकों का मनोबल कमजोर हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन युद्धग्रस्त यूक्रेन के दौरे पर गए थे, जिसके अगले दिन पुतिन ने यह सं​धि निलंबित करने की घोषणा कर दी।

अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘अमेरिका में ब्याज दर 5.3 फीसदी तक पहुंचने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस बीच परमाणु ​हथियार संधि पर रूस के बयान से भी बाजार में घबराहट बढ़ी है। भू-राजनीतिक तनाव घटने तक बाजार अधर में रहेगा।’

बैंकिंग शेयरों में गिरावट की वजह से बाजार को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। बैंकिंग सूचकांक में करीब 1.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी में 2-2 फीसदी की गिरावट आई। सेंसेक्स की कुल गिरावट में 40 फीसदी हाथ इन्हीं शेयरों का रहा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैं​शियल सर्विसेज में रिटेल शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘रूस और अमेरिका के राष्ट्रपतियों के बयान से भू-राजनीतिक तनाव थोड़ा और बढ़ गया है, जिससे शेयर बाजार में अनि​श्चितता भी बढ़ गई है। पिछले पांच दिन में निफ्टी में करीब 3 फीसदी की गिरावट आई है। वै​श्विक बाजार में उठापटक और मासिक डेरिवेटिव्स अनुबंधों के निपटान के कारण अगले कुछ दिनों तक बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।’

सेंसेक्स में एक शेयर को छोड़कर सभी नुकसान में बंद हुए। निफ्टी में अदाणी एंटरप्राइजेज और अदाणी पोर्ट्स में सबसे ज्यादा गिरावट दर्ज की गई।

First Published : February 22, 2023 | 8:12 PM IST