नवरात्र और ईद के मौके के बावजूद इस बार दिल्ली के बाजारों में वह चहल–पहल नहीं दिख रही है, जैसी पिछले वर्षों में हुआ करती थी। इस बाबत कारोबारियों से पूछने पर पता चला कि लोगों में सुरक्षा को लेकर तो खौफ है ही महंगाई और लुढ़कते शेयर बाजार के चलते उनके हाथ भी तंग हुए पड़े हैं। बहरहाल, फलों और कपड़ों के बाजार में इस समय रौनक का आलम है।
अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि हर साल त्योहारों का सीजन आते ही कारोबार में 30 से 40 फीसदी का उछाल आ जाता था, लेकिन इस बार तो कारोबार औसत से भी 20 से 30 फीसदी नीचे चला गया है। खंडेलवाल के अनुसार, हर साल त्योहारों के समय दिल्ली की मंडियों में बाहर से कोई 5 लाख कारोबारी आते थे पर इस साल सुरक्षा चिंताओं की वजह से बाहर से आने वाले कारोबारियों की संख्या काफी कम रहने के आसार हैं।
उधर आजादपुर फल और सब्जी मंडी के उपाध्यक्ष भजन सिंह ने बताया कि इस समय सेब, केले और नारियल की पूछ तो देखते ही बन रही है। इनकी आवक भी काफी बढ़िया है। वैसे कारोबारियों का कहना है कि अन्य फलों की भी जबरदस्त मांग है। उनके मुताबिक, ऐसा नहीं कि मांग बढ़ने से फलों की कीमतों में बहुत भारी वृद्घि हो गई है। पीक सीजन होने के चलते कई फलों की आपूर्ति में खासी वृद्घि होने से कीमतें काबू में हैं। हालांकि बाढ़ के चलते सब्जियां महंगी हुई हैं।
दूसरी ओर तमाम सुरक्षा इंतजाम के बावजूद कपड़े की खुदरा बिक्री के लिए मशहूर सरोजिनी नगर और चांदनी चौक बाजार भी ग्राहकों को लुभाने में कामयाब नहीं हो रहे हैं।
सर्राफा बाजार में फिलहाल महंगाई, कीमतों में उतार–चढ़ाव और रुपये की कमजोरी का असर दिख रहा है। कारोबारियों के मुताबिक नवरात्र से पीक सीजन की शुरुआत होने के बावजूद इस समय सोने की मांग औसत का महज 40 से 45 फीसदी है। ऑल इंडिया सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष शीतल जैन के अनुसार, इस समय सोने और चांदी की कीमतों में भारी उतार–चढ़ाव देखा जा रहा है। रोजाना सोने में 500 से 1,000 रुपये की घट–बढ़ हो रही है, लिहाजा इसके खरीदार भाव स्थिर होने का इंतजार कर रहे हैं। जैन ने बताया कि पर्व–त्योहार और शादी–विवाह के चलते लोगों की मजबूरी है कि वह सोना खरीदें। हां, ये जरूर है कि महंगा होने की वजह से लोग सोने की मात्रा में कटौती कर रहे हैं।
कंफेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेड्स एसोसिएशन के महासचिव देवराज बावेजा ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस बार हाउसहोल्ड उत्पादों का थोक कारोबार तकरीबन 50 फीसदी तक मंदा है। इसकी वजह पूछने पर बावेजा ने कहा कि एक पहलू सुरक्षा का है तो दूसरा लोगों की तंग जेब का।
उन्होंने उम्मीद जतायी है कि इस महीने केंद्र सरकार की ओर से कर्मचारियों को 40 फीसदी एरियर समेत बढ़े हुए वेतन का भुगतान करने के कारण मांग में वृद्घि होगी। वैसे खंडेलवाल सहित कई कारोबारियों ने सुरक्षा आशंकाओं के चलते कारोबार की एक विशेष प्रवृत्ति के बढ़ने की ओर इशारा किया। वह यह कि अब लोग घर बैठे ही ऑर्डर कर सामान मंगाना उचित समझ रहे हैं। हालांकि अब तक ऐसी सुविधाएं सिर्फ बड़े और थोक कारोबारी ही मुहैया करा रहे हैं।