भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शेयर कीमतों में कथित जोड़तोड़ और धोखाधड़ी करने पर मंगलवार को एलएस इंडस्ट्रीज, प्रमोटर प्रोफाउंड फाइनैंस और चार अन्य को प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया। नियामक ने पाया कि कपड़ा कंपनी ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में नगण्य राजस्व दर्ज किया था, लेकिन शिखर पर इसका बाजार पूंजीकरण 22,700 करोड़ रुपये था। अभी कंपनी का मार्केट कैप 5,768 करोड़ रुपये है।
जांच से पता चला कि अक्टूबर 2022 में कंपनी के एक पूर्व निदेशक सुएट मेंग चे ने बाजार से बाहर सौदे में कंपनी में अपनी पूरी 12.12 फीसदी हिस्सेदारी दुबई के एनआरआई जहांगीर पी. पी. को हस्तांतरित कर दी। ऑफ-मार्केट में हस्तांतरित शेयरों की कीमत 15 रुपये प्रति शेयर पर लगभग 154 करोड़ रुपये थी। लेकिन केवल 75 रुपये या 1 डॉलर में पूरी हिस्सेदारी बेच दी गई। सेबी के निष्कर्षों से पता चला कि कई संस्थाओं द्वारा सुबह 9 बजे ऊपरी सर्किट सीमा पर संदिग्ध खरीद ऑर्डर दिए गए, जिससे शेयर की कीमत में वृद्धि हुई। इस तरह के चलन ने दो महीने की छोटी अवधि के भीतर ही कीमत में 11 गुना इजाफा कर दिया।
सितंबर में जब शेयर की कीमत 267.5 रुपये के शिखर पर थी तो जहांगीर ने कुछ शेयर बेच दिए। ट्रेडिंग पैटर्न से पता चला कि उन्होंने अपने अधिकांश शेयर केवल उस दौरान बेचे, जब कीमतों में बढ़ोतरी हुई थी। उछाल के बाद उन्हीं संस्थाओं द्वारा निचले सर्किट पर बिकवाली के कारण शेयर ने रोजाना निचले सर्किट को छूना शुरू कर दिया।
जहांगीर को मिले 10.28 करोड़ शेयरों में से उन्होंने 1.06 लाख शेयर बेच दिए और 1.14 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। सेबी ने इस अवैध लाभ को जब्त करने का निर्देश दिए हैं और जहांगीर को बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है।