भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने संदिग्ध ट्रेडिंग गतिविधियों से निपटने के लिए नए नियमन का प्रस्ताव किया है। इसके जरिये बाजार नियामक को उन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने में और सक्षम होगा जो बिना फंडामेंटल के असामान्य लाभ कमाते हैं।
परिचर्चा पत्र में सेबी ने प्रतिभूति बाजार संदिग्ध ट्रेडिंग गतिविधियों पर रोक के लिए मसौदा पेश किया है। इसका उद्देश्य कपटपूर्ण गतिविधियों जैसे फ्रंट रनिंग, फर्जी खातों का उपयोग, शेयरों के दाम में हेरफेर करने तथा सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के दुरुपयोग पर रोक लगाना है।
वर्तमान में बाजार नियामक धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार तथा भेदिया कारोबार निषेध नियमन के जरिये इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करता है। हालांकि मेसेज के अपने आप डिलीट होने जैसी नई तकनीक के आने से मौजूदा नियमन ढांचे के तहत नियामक को उल्लंघन साबित करने में चुनौती का सामना करना पड़ता है।
प्रस्तावित नियमन के अंतर्गत संदिग्ध ट्रेडिंग गतिविधियों में लिप्त शख्स या असामान्य लाभ कमाने वालों को प्रतिभूति नियमों का उल्लंघन करने वाला माना जाएगा, यदि वह इसकी पर्याप्त वजह साबित करने में विफल रहते हैं।
नए नियमन का जिक्र करते हुए सेबी ने कहा, ‘नया नियमन ढांचे की अवधारणा की ऐसे मामले में जरूरत है, जहां किसी व्यक्ति या समूह से जुड़े लोगों के संदिग्ध ट्रेडिंग रुझान का पता चलने, जैसे कि प्रतिभूतियों के लेनदेन में असामान्य लाभ, अप्रकाशित सूचनाओं की जानकारी होने, को प्रतिभूति कानून के तहत नियम का उल्लंघन माना जाएगा, अगर संबंधित व्यक्ति इसके बारे में पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध कराने में विफल रहता है।’
Also read: मूल्यांकन को लेकर हालात चिंताजनक नहीं, 6 महीने पहले जैसी नहीं है स्थिति: प्रशांत खेमका
नए नियमन ढांचे में किसी व्यक्ति या संबंधित समूह से जुड़े शख्स द्वारा असामान्य ट्रेडिंग रुझान का पता चलने, जोखिम लेने की क्षमता में व्यापक बदलाव होने, अप्रत्याशित लाभ या भारी नुकसान से बचने के लिए किए गए ट्रेडिंग को पकड़ने और उसके खिलाफ कार्रवाई करने के तरीके बताए गए हैं। इसमें सार्वजनिक नहीं की गई ऐसी सूचनाएं भी शामिल होंगी जिसमें ऐसी जानकारी हो आम तौर पर उपलब्ध नहीं होती है या किसी प्रभावशाली व्यक्ति द्वारा ऐसी सलाह या सिफारिश जो किसी कंपनी की प्रतिभूतियों की कीमतों पर प्रभाव डाल सकती है।
असामान्य लाभ कमाने वाले किसी व्यक्ति या समूह पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव आयकर विभाग द्वारा उपयोग किए जाने वाले तरीकों की तर्ज पर है।
Also read: सेबी ने भेजा मेहुल चोकसी को 5.35 करोड़ रुपये का नोटिस, कहा- 15 दिन के अंदर करें पेमेंट
सेबी के प्रस्ताव के मुताबिक आरोपी को यह साबित करना होगा कि उनका ट्रेड अप्रकाशित पुख्ता सूचनाओं पर आधारित नहीं है। इसके साथ ही उन्हें अपने दावे के समर्थन में विस्तृत दस्तावेजी साक्ष्य भी उपलब्ध कराने होंगे। ऐसा करने में विफल रहने पर संबंधित शख्स को कार्रवाई का सामना करना होगा। बाजार नियामक ने प्रस्तावित बदलाव के बारे में हितधारकों से 2 जून तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।