भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (Sebi) ने कानूनी ढांचे में बदलाव और स्टॉक एक्सचेंजों, डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP), क्लियरिंग कॉरपोरेशन जैसे बाजार बिचौलियों से जुड़े बदलावों पर बाजार नियामक को सलाह प्रदान करेगी।
इस समिति का नेतृत्व सेबी के पूर्व कार्यकारी निदेशक एस रवींद्रन द्वारा किया जाएगा। वह निवेश प्रबंधन, और विदेशी संस्थागत निवेशकों और कस्टोडियन से संबंधित विभागों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।
NSE और BSE के प्रबंध निदेशक (MD) एवं मुख्य कार्याधिकारी (CEO) आशिष चौहान और सुंदरामन राममूर्ति के अलावा समिति में ब्रोकिंग समुदाय, विधि और वित्तीय संस्थानों की भी भागीदारी होगी।
बाजार नियामक ने कहा कि समिति का कार्य बिचौलियों द्वारा तकनीक और साइबर सुरक्षा के चयन पर सलाह प्रदान कराना, बाजार सुरक्षा, पारदर्शिता को पुख्ता बनाने के उपाय सुझाना और व्यवस्था तथा प्रक्रियाओं को आसान बनाने के बारे में सलाह मुहैया कराना होगा।
21 सदस्यों की इस समिति में एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) के अध्यक्ष विजय मेहता, जीरोधा ब्रोकिंग के सीईओ नितिन कामत, ग्रो के सीईओ ललित केशरे, सिटीगु्रप के एमडी आदित्य बागड़ी, बॉम्बे ब्रोकर्स फोरम के चेयरमैन ललित मूंदड़ा, सीडीएसएल वेंचर्स (CDSL Ventures) के MD एवं CEO सुनील अल्वारेस मुख्य रूप से शामिल होंगे।
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बाजार नियामक नए प्रस्ताव पेश किए जानेसे पहले कुछ खास सेगमेंटों के लिए गठित समितियों के साथ परामर्श करता है। सेबी ने पिछले कुछ महीनों से बाजार बिचौलियों पर अपनी निगरानी बढ़ाई है।