सेबी ने एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) कर्मचारियों के लिए “स्किन-इन-द-गेम” नियमों में बदलाव किया है। पुराने नियमों को बदलते हुए नए नियमों के तहत कर्मचारियों की वेतन और पद के आधार पर निवेश की अनिवार्यता तय की गई है। पुराने नियमों के मुताबिक, जो जुलाई 2021 में लागू हुए थे, AMCs को अपने वरिष्ठ कर्मचारियों के वेतन का 20 प्रतिशत उस स्कीम के यूनिट्स में निवेश करने की आवश्यकता थी, जिसे वे मैनेज करते थे।
नई व्यवस्था के तहत निवेश का नियम
अब कर्मचारियों को उनकी सैलरी और पद के हिसाब से निवेश करना होगा।
कर्मचारियों को दो कैटेगरी में बांटा गया
Category A: इसमें CEO, CIO, फंड मैनेजर और मुख्य निवेशक कर्मचारी शामिल हैं। इन कर्मचारियों को अपनी सैलरी के हिसाब से निवेश करना होगा।
Category B: इसमें CEO को सीधे रिपोर्ट करने वाले कर्मचारी और अन्य विभागों के प्रमुख शामिल हैं। इन कर्मचारियों को सिर्फ स्लैब 0 या स्लैब 1 में से एक का पालन करना होगा, चाहे उनकी सैलरी कितनी भी हो। जो कर्मचारी लिक्विड फंड स्कीम्स का प्रबंधन करते हैं, उन्हें भी स्लैब 1 का पालन करना होगा।
लॉक-इन अवधि में बदलाव
जो कर्मचारी रिटायर होते हैं, उनके लिए लॉक-इन अवधि खत्म कर दी जाएगी, सिवाय बंद स्कीम्स के।
जो कर्मचारी जल्दी इस्तीफा देते हैं या जल्दी रिटायर होते हैं, उनके लिए लॉक-इन एक साल तक ही रहेगा।
ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने के लिए
AMCs को अब यह जानकारी हर तिमाही के अंत के 15 दिनों के भीतर स्टॉक एक्सचेंज वेबसाइट पर पोस्ट करनी होगी, जिसमें यह बताया जाएगा कि उन कर्मचारियों ने कितनी रकम स्कीम में निवेश की है।