पिछली कुछ तिमाहियों में भारतीय स्टेट बैंक, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन, ओएनजीसी, कोल इंडिया, एनटीपीसी और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स जैसी सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों (सीपीएसयू) ने शेयर बाजार में शानदार प्रदर्शन किया है। 56 सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के शेयर भाव रखने वाला बीएसई पीएसयू सूचकांक पिछले एक साल में बढ़कर दोगुना हो गया, जबकि इस दौरान बेंचमार्क बीएसई सेंसेक्स में केवल 23 फीसदी का इजाफा हुआ है। मगर केंद्रीय पीएसयू के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी का असर उनके तिमाही नतीजों में नहीं दिखा।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल 79 सूचीबद्ध केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले 12 महीनों में दोगुना होकर आज 53.4 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो मार्च 2023 के अंत में 26.3 लाख करोड़ रुपये था। इसकी तुलना में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 4.09 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 2.87 लाख करोड़ रुपये से 42.4 फीसदी ज्यादा रहा।
इसके परिणामस्वरूप इन केंद्रीय पीएसयू का पिछले 12 महीने का पीई मल्टीपल बढ़कर 13 गुना हो गया है, जो दिसंबर 2022 के अंत में 9.9 गुना था। सीपीएसयू में बीएफएसआई और तेल एवं गैस कंपनियों के अलावा मौजूद कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी आई है मगर उनकी कमाई में वृद्धि कम रही है।
बीएफएसआई और तेल एवं गैस क्षेत्र की सार्वजनिक कंपनियों को छोड़ दें तो बाकी 49 सीपीएसयू का कुल बाजार पूंजीकरण बीते एक साल में 167 फीसदी बढ़ा है। इसकी तुलना में उनका कुल मुनाफा साल भर पहले के मुकाबले महज 0.8 फीसदी बढ़ा है। इसीलिए इन सीपीएसयू का पिछले 12 महीने का पीई मल्टीपल दिसंबर 2022 के 8.8 गुना से बढ़कर अब 22.2 गुना हो गया है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, वित्त और बीमा (बीएफएसआई) कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण पिछले एक महीने में दोगुना हो गया। पिछले 12 महीनों में इनका शुद्ध मुनाफा 46.4 फीसदी बढ़ा है, जिसके कारण इनके मूल्यांकन में इजाफा हुआ है।
तेल एवं गैस पीएसयू का मूल्यांकन नरम रहा क्योंकि उनके बाजार पूंजीकरण में बढ़ोतरी पिछले एक साल के दौरान उनकी कमाई वृद्धि की तुलना में कम रही है। पिछले एक साल में तेल एवं गैस पीएसयू का कुल बाजार पूंजीकरण 37 फीसदी बढ़ा है जबकि इस दौरान उनका मुनाफा 93.2 फीसदी बढ़ा है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों के कुल शुद्ध मुनाफे में बीएफएसआई और तेल-गैस कंपनियों की हिस्सेदारी 74 फीसदी रही।
चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सूचीबद्ध सार्वजनिक उपक्रमों का आय और मुनाफे के लिहाज से प्रदर्शन निजी क्षेत्र की प्रतिस्पर्धी कंपनियों की तुलना में भी कमतर रहा है। आंकड़ों से संकेत मिलता है कि सीपीएसयू का कुल तिमाही मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही के उच्च स्तर से नीचे आया है।
हमारे नमूने में शामिल 79 सूचीबद्ध सीपीएसयू का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में साल भर पहले की तुलना में 22.9 फीसदी बढ़कर 95,830 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में इनका कुल मुनाफा 77,968 करोड़ रुपये रहा था। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में इनका कुल मुनाफा पहली तिमाही के 1.1 लाख करोड़ रुपये के उच्च स्तर से 12.6 फीसदी कम रहा है। इसकी तुलना में गैर-सीपीएसयू कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 24.3 फीसदी बढ़ा है।
इस लिहाज से देखें तो सीपीएसयू का कुल शुद्ध मुनाफा लगातार पांचवीं तिमाही में दो अंक में बढ़ा है मगर उनकी कुल आय लगातार तीन तिमाही में एक अंक में ही बढ़ी है। वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में इन कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री (ऋणदाताओं के मामले में सकल ब्याज आय) महज 3.6 फीसदी बढ़कर 10.56 लाख करोड़ रुपये रही। वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में इन कंपनियों की आय में वृद्धि महज 0.3 फीसदी घटी थी और पहली तिमाही में 0.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी।
बीएफएसआई और तेल-गैस क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा दूसरे पीएसयू का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में अक्टूबर-दिसंबर, 2023 से 11.1 फीसदी बढ़ा, जबकि उनकी शुद्ध बिक्री इस दौरान 2.5 फीसदी कम रही, जो जून 2020 तिमाही के बाद सबसे कम है। कुल मिलाकर देखें तो इन कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में पिछली 12 तिमाही के दौरान खास बदलाव नहीं हुआ है।
सूचीबद्ध सीपीएसयू का कुल परिचालन मार्जिन वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 580 आधार अंक बढ़कर 27.2 फीसदी रहा। इसकी तुलना में गैर-सीपीएसयू का परिचालन मार्जिन महज 220 आधार अंक बढ़ा है।