देश की सबसे बड़ी लिस्टेड कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) जल्द ही वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (Q1FY26) के नतीजे पेश करने जा रही है। 18 जुलाई को आने वाले इन नतीजों पर निवेशकों और बाजार की निगाहें टिकी हुई हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इस बार कंपनी का प्रदर्शन बेहद मजबूत रह सकता है, खासतौर पर रिटेल, टेलीकॉम और ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस से अच्छी कमाई की उम्मीद है।
ब्लूमबर्ग के एक पोल में 18 एनालिस्ट्स ने अनुमान जताया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू इस तिमाही में ₹2.42 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, जो साल दर साल 4.48 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। वहीं, 7 विश्लेषकों ने अनुमान लगाया है कि कंपनी का नेट एडजस्टेड प्रॉफिट ₹20,059 करोड़ रह सकता है, जो पिछले साल की तुलना में 32 प्रतिशत ज्यादा होगा। इस अनुमान से स्पष्ट है कि कंपनी का मुख्य कारोबार तीन प्रमुख सेक्टर्स- रिटेल, डिजिटल (Jio) और O2C— में मजबूत प्रदर्शन की वजह से लाभदायक बना हुआ है। ब्रोकरेज हाउस भी इस ग्रोथ को लेकर काफी पॉजिटिव नजर आ रहे हैं।
ICICI Securities ने कहा है कि कंपनी का समग्र EBITDA इस तिमाही में 15 प्रतिशत और नेट प्रॉफिट 25 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, रिटेल बिजनेस में 18 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ देखने को मिल सकती है, जबकि Jio का EBITDA भी 17 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ बेहतर नतीजे दे सकता है।
O2C बिजनेस में भी करीब 17.7 प्रतिशत की ग्रोथ की उम्मीद है। इसकी वजह ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) में $0.4 प्रति बैरल की बढ़ोतरी बताई जा रही है। हालांकि, कंपनी की रिफाइनरी में एक शटडाउन हुआ है, जिससे कुछ हद तक मुनाफा प्रभावित हो सकता है। अपस्ट्रीम सेगमेंट में सरकार की अधिक हिस्सेदारी और उत्पादन में गिरावट के कारण कमजोरी बनी रह सकती है।
अगर पिछली तिमाही की बात करें तो रिलायंस ने ₹19,407 करोड़ का शुद्ध मुनाफा दर्ज किया था, जो साल दर साल 2.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी थी। कंपनी का रेवेन्यू ₹2.6 लाख करोड़ रहा था, जो कि जनवरी-मार्च 2024 तिमाही के मुकाबले अधिक था। इस प्रदर्शन से यह साफ है कि कंपनी की ऑपरेशनल गतिविधियों में लगातार मजबूती बनी हुई है।
Kotak Securities का मानना है कि इस बार रिलायंस का EBITDA 15.4 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। O2C, डिजिटल और रिटेल बिजनेस में 19-20 प्रतिशत की ग्रोथ अनुमानित है। Jio के मामले में जुलाई 2024 में की गई टैरिफ बढ़ोतरी का लाभ इस तिमाही में देखने को मिल सकता है। इसके चलते जियो का EBITDA तिमाही आधार पर 4.2 प्रतिशत बढ़ सकता है। Kotak का अनुमान है कि इस बार Jio का ARPU (Average Revenue Per User) ₹209.5 रह सकता है, जो कि कंपनी के लाभ को और बेहतर बनाएगा।
रिटेल सेगमेंट में भी कंपनी को इस तिमाही में अच्छी ग्रोथ की उम्मीद है और EBITDA में 21 प्रतिशत सालाना बढ़ोतरी संभावित है।
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ब्रोकरेज फर्म JM Financial का आकलन थोड़ा सतर्क है। कंपनी को उम्मीद है कि रिलायंस का समेकित EBITDA तिमाही आधार पर सिर्फ 2.4 प्रतिशत बढ़ेगा। हालांकि, डिजिटल बिजनेस से 3.5 प्रतिशत की तिमाही ग्रोथ देखने को मिल सकती है, क्योंकि इस दौरान Jio को ज्यादा सब्सक्राइबर मिले हैं और ARPU में भी बढ़ोतरी हुई है।
O2C सेगमेंट के इस बार स्थिर रहने की संभावना जताई गई है, जबकि रिटेल बिजनेस सालाना आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़त दिखा सकता है। JM Financial ने रिलायंस पर अपनी ‘Buy’ रेटिंग बरकरार रखी है और कहा है कि कंपनी अगले 3 से 5 वर्षों में EPS (Earnings Per Share) में 15-20 प्रतिशत की कंपाउंड ग्रोथ दे सकती है। इसके अलावा, Jio का ARPU FY25 से FY28 के बीच 13 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो डिजिटल सेगमेंट की मजबूत स्थिति को दर्शाता है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के आने वाले नतीजे कंपनी की भविष्य की दिशा को लेकर काफी अहम साबित हो सकते हैं। तीनों मुख्य सेगमेंट- रिटेल, डिजिटल और O2C—इस समय ग्रोथ मोड में हैं और ब्रोकरेज हाउस भी कंपनी के भविष्य को लेकर बेहद आशावान हैं। अब सबकी नजर 18 जुलाई को होने वाली कमाई की घोषणा पर है, जिससे यह तय होगा कि कंपनी उम्मीदों पर कितनी खरी उतरती है। अगर अनुमान सही साबित होते हैं, तो यह नतीजे कंपनी के शेयर में नई तेजी की शुरुआत भी कर सकते हैं।