निफ्टी 50 कंपनियों का कुल मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में साल भर पहले के मुकाबले 10.5 फीसदी बढ़ सकता है। मगर इसी वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में इसमें महज 1.7 फीसदी इजाफे की संभावना है। ब्रोकरेज फर्मों को लगता है कि गैर-वित्तीय कंपनियों के लिए अक्टूबर-दिसंबर तिमाही नरम रह सकती है।
बैंक, वित्तीय सेवा और बीमा (बीएफएसआई) को छोड़कर सूचकांक में शामिल कंपनियों का एकीकृत शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले महज 2 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है। गैर-बीएफएसआई फर्मों की कमाई दूसरी तिमाही में 12.7 फीसदी गिर गई थी, जिसके मुकाबले इस बार सुधार होगा मगर पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के 27.6 फीसदी वृद्धि आंकड़े से यह कम रहेगा।
विभिन्न ब्रोकरेज फर्मों के अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में निफ्टी 50 कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 1.62 लाख करोड़ रुपये रह सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 1.47 लाख करोड़ रुपये था। इसकी तुलना में 39 गैर-बीएफएसआई कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 1.11 लाख करोड़ रुपये रह सकता है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.09 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में 0.95 लाख करोड़ रुपये था।
हालांकि ब्रोकरेज फर्में मान रही हैं कि तीसरी तिमाही में कंपनियों की आय वृद्धि भी नरम रह सकती है। निफ्टी 50 कंपनियों की समेकित शुद्ध बिक्री चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 15.9 फीसदी बढ़कर 12.96 लाख करोड़ रुपये रह सकती है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 11.18 लाख करोड़ रुपये थी। पिछले दो साल में सूचकांक कंपनियों की आय में यह सबसे कम वृद्धि है।
इसकी तुलना में गैर-बीएफएसआई कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 15.6 फीसदी बढ़ सकती है, जो दूसरी तिमाही की 30.3 फीसदी और वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही की 28 फीसदी वृद्धि से कम है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में गैर-बीएफएसआई कंपनियों की आय वित्त वर्ष 2021 की चौथी तिमाही के बाद सबसे कम बढ़ सकती है।
फिलिप कैपिटल इंडिया रिचर्स टीम के अंजलि वर्मा और रवि वर्मा ने वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के अपने अनुमान में कहा है, ‘चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही निफ्टी कंपनियों के लिए नरम रह सकती है और मुनाफे में मामूली इजाफे की उम्मीद है। भारतीय तथा वैश्विक मांग की तस्वीर के बारे में कंपनी प्रबंधनों के बयानों पर हमारी नजर रहेगी।
हमें लगता है कि वित्तीय क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर रहेगा और खपत क्षेत्र से जुड़ी कंपनियों पर दबाव बना रहेगा।’ इसके अनुसार बैंकों, एनबीएफसी, वाहन और पूंजीगत वस्तुओं के साथ ही एफएमसीजी, आईटी आदि के मुनाफे में अच्छी वृद्धि देखी जा सकती है। मगर धातु, सीमेंट, फार्मा, लॉजिस्टिक्स और विशेषीकृत रसायन क्षेत्र की कंपनियों के मुनाफे में कमी आ सकती है।
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी को उम्मीद है कि बैंक और वाहन कंपनियों का प्रदर्शन बेहतर रहेगा, जबकि खनन एवं धातु तथा तेल कंपनियों पर दबाव देखा जा सकता है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के विश्लेषकों को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सेंसेक्स कंपनियों का शुद्ध मुनाफा दूसरी तिमाही के मुकाबले 6 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुकाबले 9 फीसदी बढ़ सकता है।