बाजार नियामक समर्थित एवं परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) द्वारा वित्त पोषित लिमिटेड पर्पज क्लियरिंग कॉरपोरेशन (limited purpose clearing corporation-LPCC) की शुरुआत जून के तीसरे सप्ताह तक होने की संभावना है। इस मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि स्थापना के करीब दो साल बाद LPCC की शुरुआत होने जा रही है।
एएमसी रीपो क्लियरिंग (ARCL) के नाम से चर्चित LPCC में परिचालन के शुरुआती चरण के लिए 125 से ज्यादा जारीकर्ता शामिल हुए हैं। चूंकि ARCL ने अब RBI से निर्णायक मंजूरियां हासिल कर ली हैं, इसलिए तरलता और भागीदारी बढ़ाने के लिए कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में ट्राई-पार्टी रीपो के लिए समाशोधन एवं निपटान सेवाएं की पेशकश शुरू कर दी जाएगी।
एक अधिकारी ने कहा, ‘ARCL ने सोमवार से NSE प्लेटफॉर्म परीक्षण शुरू किया है और इसे जून के दूसरे या तीसरे सप्ताह तक चालू करने की योजना बनाई है। शुरुआती चरण के लिए पूरा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार है और जारीकर्ताओं से मिल रही प्रतिक्रिया उत्साहजनक है।’
इस प्लेटफॉर्म से सभी विनियमित संस्थाओं – जैसे परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों, बीमा कंपनियों, बाजार कारोबारियों और शॉर्ट-टर्म कारोबारियों को सूचीबद्ध कॉरपोरेट बॉन्डों और डिबेंचर (गैर-परिवर्तनीय ऋण प्रतिभूतियों), वाणिज्यिक पत्र (CP) और जमा पत्रों (CD) में पोजीशन लेने और अपने जोखिम का प्रबंधन करने में मदद मिलेगी।
सूत्रों का कहना है कि शुरुआती चरण के दौरान, सिर्फ एए और इससे ऊपर की रेटिंग वाली ऋण प्रतिभूतियों (मई 2023 के बाद जारी) को ही स्वीकार किया जाएगा। इसके अलावा, जारीकर्ताओं को नई निर्गम वैल्यू का आधा आधार अंक (या 0.005 प्रतिशत) योगदान परिपक्वता तक एआरसीएल के कोर निपटान गारंटी फंड में करना होगा।
अनुमान है कि ARCL के लिए शुरुआती कोर सेटलमेंट गारंटी फंड 40-45 करोड़ रुपये के दायरे में हो सकता है।
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एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘यह एए रेटिंग वाले बॉन्डों से जुड़ी सभी विनियमित इकाइयों बेहतर प्रतिफल के लिए अत्यधिक कोष के निवेश और अल्पावधि कारोबारियों द्वारा ट्रेडिंग के लिए अल्पावधि वित्तीय सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक प्रमुख प्लेटफॉर्म है। ARCL इसकी शुरुआत प्रमुख बॉन्डों के साथ कर रही है। हालांकि कुछ बाजार संबंधित बॉन्डों, पर्पेचुअल बॉन्डों, एटी-1 बॉन्डों और फ्लोटिंग-रेट संबंधित निर्गमों को शुरुआती चरण में बाहर रखा जाएगा।’
ARCL की स्थापना कॉरपोरेट डेट बाजार के विकास और बाजार में तरलता बढ़ाने के मकसद के साथ अप्रैल 2021 में की गई थी। एआरसीएल को स्टॉक एक्सचेंजेस ऐंड क्लियरिंग कॉरपोरेशंस (SECC) रेग्युलेशंस के तहत बाजार नियामक द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी गई है। इस घटनाक्रम से जुड़े लोगों का कहना है कि हालांकि अंतर-नियामकीय जटिलताओं और आरबीआई के विभिन्न विभागों से मंजूरियां पाने की वजह से इसकी पेशकश में विलंब हुआ है।
ARCL कॉरपोरेट ऋण प्रतिभूतियों में ट्राई-पार्टी रीपा के तहत एनएसई पर होने वाले सभी सौदों के लिए गारंटी व्यवस्था के साथ साथ जोखिम प्रबंधन सुविधा भी महैया कराएगा।
बाजार नियामक सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने अपनी पिछली बोर्ड बैठक के दौरान यह संकेत दे दिया था कि LPCC को कुछ ही महीनों में चालू किया जाएगा।