निफ्टी-50 सूचकांक में एचडीएफसी की जगह पिडिलाइट इंडस्ट्रीज के शामिल होने की संभावना है। एचडीएफसी बैंक के साथ एचडीएफसी का विलय होने (जिसे लेकर बातचीत अंतिम चरण में है) से निफ्टी सूचकांक से यह मॉर्गेज दिग्गज बाहर हो जाएगी जिसके बदले पिडिलाइट को शामिल किए जाने की संभावना बढ़ गई है। एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक, दोनों ही निफ्टी और सेंसेक्स में शामिल हैं। इसलिए विलय होने से इन सूचकांकों में प्रमुख शेयरों की संख्या निफ्टी में 50 से 49 और सेंसेक्स में 30 से 29 रह जाएगी।
स्मार्टकर्म पर प्रकाशित पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास ने कहा, ‘निफ्टी सूचकांक में एचडीएफसी के बदले नए शेयर को शामिल करने ही दौड़ में पिडिलाइट और टाटा पावर शामिल हैं। हालांकि पिडिटलाइट को शामिल किए जाने की संभावना ज्यादा है।’ सोमवार को एचडीएफसी का शेयर 0.2 प्रतिशत, एचडीएफसी बैंक 0.4 प्रतिशत और पिडिलाइट 2.7 प्रतिशत चढ़ा।
विश्लेषक निफ्टी में फेरबदल को लेकर विभाजित हैं। कुछ ब्रोकरों का कहना है कि एचडीएफसी के निकलने से 1.5 अरब डॉलर के कारोबार को बढ़ावा मिल सकता है। कुछ का मानना है कि एचडीएफसी के सूचकांक से निकलने से विलय वाली इकाई का भारांक बढ़ेगा और इस वजह से कारोबार में ज्यादा अनिश्चितता देखने को नहीं मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘पहला, एचडीएफसी का शेयर निफ्टी से बाहर हो जाएगा। लेकिन पैसिव ट्रैकरों को शेयर बेचने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि एचडीएफसी बैंक के लिए सूचकांक शेयरों की संख्या बढ़ जाएगी और पैसिव ट्रैकरों को एचडीएफसी में अपने शेयरों के लिए एचडीएफसी बैंक में शेयर मिलेंगे।
हमें अनुमान है कि विलय वाली इकाई का भारांक निफ्टी में करीब 13.9 प्रतिशत होगा।’ निफ्टी में एचडीएफसी का 5.5 प्रतिशत भारांक है। यदि इस शेयर को हटाया जाता है तो भारांक सबसे पहले सभी निफ्टी शेयरों में विभाजित होगा और उसके बाद विलय पूरा होने पर, सभी सूचकांक घटकों का भारांक एक बार फिर घट जाएगा। एचडीएफसी बैंक और उसकी पैतृक एचडीएफसी के बीच विलय इस तिमाही और अगली तिमाही के शुरू में पूरा हो सकता है।