एनएसई के आईपीओ को जल्द लाने के लिए पीपुल एक्टिविज्म फोरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। याचिका पर अदालत ने ने बाजार नियामक सेबी और नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) से जवाब मांगा है। याचिका में फोरम ने कहा है कि एनएसई के शेयरों को सूचीबद्ध कराने में सेबी की तरफ से किसी तरह का अवरोध नहीं है क्योंकि को-लोकेशन मामले में जारी आदेश के तहत लगाया गया सेबी का छह महीने का प्रतिबंध अक्टूबर 2019 में खत्म हो गया है।
22 मई के आदेश में दिल्ली उच्च न्यायालय ने प्रतिवादियों को निर्देश दिया कि वे अपनी आपत्तियों से संबंधित संक्षिप्त जवाब पेश करें। साथ में ऐसे दस्तावेज भी, जिनको वे जवाब में शामिल करना चाहते हैं। अदालत ने चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है और मामले पर अगली सुनवाई 14 अगस्त तय की है। सेबी के वकील ने कहा कि नियामकीय प्रक्रिया से संबंधित याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह याचिका जनहित याचिका के तौर पर दाखिल की गई है जो कानून का उल्लंघन है।
विभिन्न वर्षों से एनएसई का आईपीओ कई कानूनी झमेलों के कारण अटका हुआ है। को-लोकेशन मामले में प्रतिभूति अपील पंचाट (सैट) ने 625 करोड़ रुपये की अवैध कमाई वापस करने के सेबी के निर्देश पर रोक लगा दी थी और जनवरी 2023 के अपने अंतिम आदेश में रुपयों से संबंधित निर्देश को सही ठहराया था। बाद में ट्रिब्यूनल ने ड्यू डिलिजेंस की कमी के लिए एनएसई पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
सर्वोच्च न्यायालय ने भी को-लोकेशन मामले में सैट के आदेश पर रोक लगाने वाले सेबी के आवेदन को ठुकरा दिया था। एनएसई को सैट से डार्क फाइबर मामले में भी कुछ राहत मिली थी। इस मामले में भी बाजार नियामक ने अन्य आदेश जारी दिया था। हालांकि प्रशासन और हितों के टकराव से संबंधित कार्यवाही पर सेबी के आदेशों को चुनौती देने वाले याचिका पर सैट में अंतिम सुनवाई होनी है।
कई अन्य अपील भी सर्वोच्च न्यायालय में अंतिम फैसले के लिए लंबित हैं। इसके अलावा एनएसई अभी ट्रेडिंग एक्सेस प्वाइंट (टीएपी) मामले में निपटान याचिका को स्वीकार करने की भी प्रतीक्षा कर रहा है। बाजार नियामक सेबी किसी कंपनी के आईपीओ को तभी मंजूरी देता है जब गंभीर लंबित कानूनी मामलों का समाधान हो जाता है।
एनएसई हालांकि आईपीओ के लिए सेबी की मंजूरी की प्रतीक्षा कर रहा है, लेकिन इसके शेयरों की ट्रेडिंग असूचीबद्ध बाजार में सक्रियता से हो रही है। इस महीने एनएसई का शेयर 6,000 रुपये पर पहुंच गया था और इस तरह से देश के सबसे बड़े एक्सचेंज का मूल्यांकन 3.2 लाख करोड़ रुपये बैठता है। एनएसई ने हाल में एक पर चार बोनस शेयर देने और 90 रुपये प्रति शेयर का लाभांश देने की घोषणा की है।