इस साल के पहले चार महीनों में जो आईपीओ के ऐलान हुए उनमें से केवल तीन कंपनियां ऐसी रहीं, जिन्होने निवेशकों की बेरुखी यानी इश्यू पूरी तरह सब्सक्राइब न होने की वजह से अपना आईपीओ वापस ले लिया जबकि बाकी आईपीओ को अच्छा रेस्पांस मिला है।
जनवरी- 24 अप्रैल तक आए 21 आईपीओ में से जिन तीन आईपीओ को वापस लेना पडा वो थे एम्मार एमजीएफ, वोकहार्ट और एसवीईसी कंस्ट्रक्शंस के आईपीओ। इन्हे निवेशकों से अच्छा रेस्पांस नहीं मिल सका था। वित्त राज्य मंत्री पवन कुमार बंसल ने राज्य सभा में बताया कि सरकार ने इस हालत को सुधारने के लिए कोई कदम नहीं उठाए हैं क्योकि ये बाजार के सेंटिमेंट और निवेशकों के रुख पर ही निर्भर करता है।
उन्होने कहा कि शेयर बाजार में पिछले दिनों आई भारी गिरावट के लिए कई अंतरराष्ट्रीय और घरेलू कारण जिम्मेदार रहे हैं और इसका कोई एक कारण नहीं रहा है।उनके मुताबिक बाजार को सुरक्षित बनाने और इसकी पारदर्शिता बरकरार रखने के लिए पूरी प्रणाली को दुरुस्त किया गया है। और इसी का नतीजा है कि कई फर्मों और लोगों को इस दौरान करीब 345 संबंधित दिशानिर्देश भेजे गए और 52 इंटरमीडियरीज को सस्पेंड भी किया गया।
इसके अलावा सेबी ने करीब 27 फर्मों को चेतावनी भी जारी की है। उन्होंने कहा कि सेबी निवेशकों के हितों का पूरा ख्याल रख रही है और उसने अब तक 115 फर्मों और कंपनियों के खिलाफ इनसाइडर ट्रेडिंग रेगुलेशन के तहत मामले दर्ज किए हैं। सेबी को पांच कंपनियों के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग होने की शिकायत मिली थी। उन्होने कहा कि टीवी चैनल के एंकरों की सलाह सेबी के दायरे में नही आती और यह इंवेस्टमेंट एडवाइर्स कानून के तहत आते हैं।