देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज NSE (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) ने मंगलवार को मार्च 2025 में खत्म हुई चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए। इस दौरान कंपनी का शुद्ध मुनाफा (Profit After Tax) 7% बढ़कर ₹2,650 करोड़ रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में ₹2,488 करोड़ था।
चौथी तिमाही में NSE की कुल आय ₹4,397 करोड़ रही, जो पिछले साल की इसी अवधि में ₹5,080 करोड़ थी। यानी कुल इनकम में 13% की गिरावट आई है। हालांकि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो NSE का शुद्ध मुनाफा ₹12,188 करोड़ रहा, जो सालाना आधार पर 47% की बढ़ोतरी है। इस दौरान NSE की कुल आय ₹19,177 करोड़ रही, जिसमें 17% की सालाना बढ़त देखी गई।
NSE के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ₹35 प्रति इक्विटी शेयर का फाइनल डिविडेंड देने का प्रस्ताव रखा है। इसमें से ₹11.46 प्रति शेयर एक विशेष (special one-time) डिविडेंड शामिल है। यह डिविडेंड 3500% के हिसाब से घोषित किया गया है और इसे शेयरहोल्डर्स की AGM में मंजूरी मिलनी बाकी है।
NSE ने बताया कि यदि सब्सिडियरी कंपनियों में निवेश की बिक्री से हुई कमाई, सेबी सेटलमेंट फीस और SGF (Settlement Guarantee Fund) में योगदान को छोड़ दिया जाए, तो कंपनी का नॉर्मलाइज्ड प्री-टैक्स मुनाफा ₹14,895 करोड़ रहा, जो साल-दर-साल 17% की बढ़ोतरी है।
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NSE ने वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार को कुल ₹59,798 करोड़ का टैक्स और शुल्क के रूप में योगदान दिया। इसमें ₹48,439 करोड़ STT/CTT (Securities/Commodities Transaction Tax), ₹3,772 करोड़ स्टांप ड्यूटी, ₹1,804 करोड़ सेबी फीस, ₹3,831 करोड़ इनकम टैक्स और ₹1,952 करोड़ GST शामिल हैं। STT/CTT में से 58% रकम कैश मार्केट से और 42% रकम इक्विटी डेरिवेटिव से आई है।