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निवेशकों के लिए खतरे की घंटी! HDFC-ICICI समेत बैंकों पर मंडरा रहा ये बड़ा संकट

अमेरिकी टैरिफ और सुस्त लोन ग्रोथ ने बढ़ाया बैंकों का जोखिम, निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह

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निकिता वशिष्ठ   
Last Updated- August 29, 2025 | 3:20 PM IST

भारतीय शेयर बाजार में बैंकिंग शेयर लगातार कमजोरी दिखा रहे हैं। 21 अगस्त से 28 अगस्त तक Nifty Bank इंडेक्स 1,935 अंक यानी 3.4% गिर चुका है। जुलाई 2025 में बने 52-सप्ताह के हाई 57,628 से यह करीब 6.8% नीचे आ चुका है। इसी अवधि में Nifty50 इंडेक्स 3.7% गिरा है।

ब्रोकरेज हाउस Elara Capital का मानना है कि अगर अमेरिका ने ऊंचे टैरिफ लंबे समय तक बनाए रखे, तो भारतीय बैंकों के लिए जोखिम बढ़ सकता है। सबसे ज्यादा असर टेक्सटाइल, लेदर और जेम्स-ज्वेलरी जैसे सेक्टरों पर पड़ रहा है, जिनका बैंकों के कुल लोन में लगभग 2% हिस्सा है। एक्सपोर्ट घटने और नौकरियां कम होने की स्थिति में छोटे पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड वसूली पर भी दबाव आ सकता है।

किन बैंकों पर जोखिम

प्राइवेट बैंकों में HDFC Bank का 1.8% लोन टेक्सटाइल सेक्टर में है, जबकि ICICI Bank का 1.1% और Axis Bank का 1.2% एक्सपोजर है। मिड-साइज प्राइवेट बैंकों में City Union Bank का 7.6%, Karur Vysya Bank का 5.5% और Federal Bank का 2.6% हिस्सा इस सेक्टर से जुड़ा है। पब्लिक सेक्टर बैंकों में Canara Bank, Indian Bank और Union Bank पर ज्यादा जोखिम है। जेम्स-ज्वेलरी सेक्टर में IndusInd Bank, Karur Vysya Bank और RBL Bank का भी ध्यान देने लायक एक्सपोजर है।

विश्लेषकों का कहना है कि बैंकिंग सिस्टम पर दबाव सिर्फ निर्यात में गिरावट से नहीं, बल्कि घरेलू फैक्टर्स से भी आ सकता है। ऑनलाइन गेमिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से जुड़ी नौकरियों में कटौती पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो पर असर डाल सकती है। इसके अलावा, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) यानी बैंकों की मुख्य कमाई पर भी आने वाले महीनों में उतार-चढ़ाव बने रहने की संभावना है।

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बैंकों की कमाई का हाल

FY26 की पहली तिमाही में सभी शेड्यूल्ड बैंकों का शुद्ध मुनाफा 3.1% बढ़कर ₹92,000 करोड़ हुआ है। इनमें PSU बैंकों का मुनाफा 10.9% बढ़कर ₹47,000 करोड़ रहा, जबकि प्राइवेट बैंकों का मुनाफा 3.9% घटकर ₹45,000 करोड़ रहा। यह बढ़त ज्यादातर ट्रेजरी गेन से आई है, जबकि लोन ग्रोथ और मार्जिन पर दबाव देखने को मिला है।

आगे की संभावनाएं

Motilal Oswal को उम्मीद है कि FY26 में सिस्टम लोन ग्रोथ 11% और FY27 में 12.5% रह सकती है। UBS का अनुमान है कि अगले दो साल में बैंकों का मुनाफा औसतन 11% CAGR से बढ़ेगा। हालांकि, इसमें कॉरपोरेट लोन की मांग कमजोर रहने और डिपॉजिट मार्जिन पर दबाव की चुनौतियां भी शामिल हैं।

निवेशकों के लिए पसंदीदा बैंक

ब्रोकरेज फर्मों ने निवेशकों के लिए कुछ चुनिंदा बैंकों की सिफारिश की है। Motilal Oswal ने ICICI Bank, HDFC Bank और SBI को टॉप पिक बताया है। वहीं, Elara Capital को ICICI Bank और Kotak Bank जैसे बड़े प्राइवेट बैंक पसंद हैं। मिड-कैप बैंकों में Karur Vysya Bank और City Union Bank को प्राथमिकता दी गई है, जबकि PSU बैंकों में SBI को सबसे मजबूत माना जा रहा है।

First Published : August 29, 2025 | 3:20 PM IST