प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ने देश की बिजली व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए दो बड़े प्रोजेक्ट को हरी झंडी दिखाई है। इनकी कुल लागत 705.51 करोड़ रुपये है। कंपनी की निवेश समिति ने 26 सितंबर को हुई बैठक में इन योजनाओं को मंजूरी दी। ये प्रोजेक्ट नेशनल ग्रिड को बेहतर बनाने और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में मदद करेंगे।
पहला प्रोजेक्ट 209.68 करोड़ रुपये का है। इसके तहत देश के पांचों क्षेत्रीय ग्रिड्स—उत्तरी, पूर्वी, पश्चिमी, दक्षिणी और उत्तर-पूर्वी—में वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (VOIP) सिस्टम लगाया जाएगा। यह सिस्टम बिजली ट्रांसमिशन नेटवर्क को चलाने में बेहतर तालमेल और दक्षता लाएगा। इस प्रोजेक्ट का काम 23 अगस्त, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है। VOIP सिस्टम से ग्रिड ऑपरेटर्स के बीच बातचीत आसान होगी। इससे बिजली आपूर्ति की निगरानी और प्रबंधन में सुधार होगा।
दूसरा प्रोजेक्ट 495.83 करोड़ रुपये का है। इसके तहत मेक इन इंडिया पहल के तहत 20 सेट (300 टावर) इमरजेंसी रिस्टोरेशन सिस्टम (ERS) खरीदे जाएंगे। यह सिस्टम प्राकृतिक आपदाओं या बुनियादी ढांचे में खराबी के दौरान बिजली लाइनों को जल्दी ठीक करने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट का काम 19 अप्रैल, 2027 तक पूरा होगा। ERS सिस्टम देश की बिजली आपूर्ति को और भरोसेमंद बनाएगा। खासकर तूफान, बाढ़ या भूकंप जैसी आपदाओं में यह सिस्टम तेजी से काम आएगा।
पावरग्रिड का कहना है कि ये दोनों प्रोजेक्ट देश की बिजली व्यवस्था को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाएंगे। ये निवेश भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और स्थानीय विनिर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में भी बड़ा कदम हैं। कंपनी का फोकस नेशनल ग्रिड को और मजबूत करने पर है ताकि बिजली आपूर्ति में किसी तरह की रुकावट न आए। ये प्रोजेक्ट पावरग्रिड की दूरदर्शी सोच को दिखाते हैं, जो बदलते हालात और चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार है।