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सेम-डे सेटलमेंट को लेकर निवेशकों में कम उत्साह, SEBI के प्रयोग को मिला फीका रिस्पांस

टी+0 व्यवस्था के तहत एनएसई (NSE) पर सिर्फ 5.7 लाख रुपये का कारोबार दर्ज किया, जबकि 25 में से 6 शेयरों में एक भी सौदा नहीं हुआ।

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खुशबू तिवारी   
Last Updated- June 25, 2024 | 11:28 PM IST

सेम-डे सेटलमेंट साइकल (Same-day settlement) यानी समान दिन निपटान चक्र को लेकर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) द्वारा किए गए प्रयोग को शुरुआती चरण में धीमी प्रतिक्रिया मिली है। इसे सिर्फ 25 शेयरों के लिए पेश किया गया।

मार्च में अपनी शुरुआत के बाद, टी+0 व्यवस्था के तहत एनएसई (NSE) पर सिर्फ 5.7 लाख रुपये का कारोबार दर्ज किया, जबकि 25 में से 6 शेयरों में एक भी सौदा नहीं हुआ। इसमें 80 प्रतिशत या 4.63 लाख रुपये 28 मार्च को पहले दिन पंजीकृत हुए थे।

इस बीच, टी+0 सौदों के लिए बीएसई पर कारोबार 3 लाख रुपये से भी कम है। उद्योग के सूत्रों के अनुसार, बाजार नियामक नवंबर में संशोधित ढांचा पेश करने की योजना बना रहा है, जिसका मकसद व्यापक क्रियान्वयन होगा।

उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि टी+0 की ओर कदम टी+1 के क्रियान्वयन के काफी जुड़ा हुआ था और इसलिए, इसके व्यापक लाभ के बावजूद इसे व्यापक स्वीकृति नहीं मिली।

संक्षिप्त टी+0 चक्र पूंजी को तेजी से मुक्त करने में मदद करता है, ग्राहकों को अपनी प्रतिभूतियों पर बेहतर नियंत्रण रखने की अनुमति देता है और क्लियरिंग कॉरपोरशन द्वारा जोखिम प्रबंधन को बढ़ाता है।

चूंकि शुरुआती तीन महीने की बीटा रोलआउट अवधि समाप्त हो रही है, इसलिए बाजार नियामक गुरुवार को होने वाली आगामी बोर्ड बैठक में मौजूदा ढांचे की समीक्षा कर सकता है। बड़े सक्रिय ग्राहक आधार वाले कई डिजिटल-केंद्रित ब्रोकरों या ब्रोकरों द्वारा इस विकल्प की पेशकश की जानी बाकी है।

उद्योग के अधिकारियों ने कहा कि केवल टोकन ट्रेड ही हुए हैं, जिसके कारण वॉल्यूम कम हुआ है। उन्होंने कहा कि इस समय संक्षिप्त चक्र के लिए निवेशकों की कोई मांग नहीं है, साथ ही परिचालन संबंधी चुनौतियां भी हैं।

First Published : June 25, 2024 | 10:40 PM IST